Book Title: Tantra Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 40
________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर हुए हरे कपड़े में सामग्री बांध लें। और फिर इसे व्यवसाय स्थल पर ऐसी जगह लटका दें जहां किसी की नजर न पड़े, इससे थोड़े ही समय में उत्पादित माल हाथों-हाथ बिकेगा एवं बरकत होगी। ( 13 )व्यापार वृदि हेतु -यदि व्यापार में वृद्धि न हो तो एक पीला नींबू काटकर व्यवसाय स्थल पर रखें, उसके साथ एक मुट्ठी काली मिर्च और एक मुट्ठी पीली सरसों रखें व अगले दिन जब दुकान खोले तो सभी सामग्री को उठाकर किसी दूर वीराने में जमीन में गाड़ दें, व्यापार वृद्धि मंगल कलश की स्थापना कर व्यापार वृद्धि मंत्र का जाप करें व्यापार वृद्धि में लाभ होगा। (14) जिस वृक्ष पर चमगादड़ रहता है उस पेड़ को शनिवार को न्योता देकर आएं , फिर रविवार को सूर्योदय से पूर्व उसकी एक डाल लाए और उसे गद्दी के नीचे दबा दें। (15) व्यापार बाधा निवारण हेतु- यदि अचानक चलता व्यापार रुक जाए ग्राहक का आना बंद हो जाये, उधारी डूबने का खतरा हो तो ग्रहण के समय अथवा अमावस्या शनिवार को एक नींबू थोड़ी सी पीली सरसों एवं २१ काली मिर्च व ७ लौंग लेकर दुकान या व्यापार स्थल पर ७ बार उतार करके नींबू के चार टुकड़े कर दें। फिर संध्या समय सभी चीजों को काले कपड़े में बांधकर किसी ऐसे कुंए में फेंक आयें जहां पानी सूख-चुका हो। फिर घर आकर व्यापार वृद्धि मंत्र पढ़ें इससे थोड़े ही समय में उधारी वसूल होनी लगेगी, ग्राहकी की वृद्धि होगी व्यापार चलने लगेगा यह अनुभूत टोटका है। ( 16 )बरकत न हो तो- दीपावली की शाम को पद्मावती देवी मंदिर में अलग-अलग दो स्थान पर सवा सौ ग्राम रोली, सवा सौ ग्राम सिन्दूर, सवा मीटर लाल कपड़ा, नारियल, छुआरा व २१ रुपये रखकर देवी की अर्चना करें, फिर एक स्थान की सामग्री मंदिर में ही अर्पित करें तथा दूसरे स्थान की सामग्री स्वयं लाकर लाल कपड़ें में बांधकर अपने धन रखने के स्थान पर रखें और २१ दिन लगातार धूपदीप अर्पित करके पूजा करें तथा व्यापार वृद्धि मंगलकलश या श्रीमहायंत्र के सामने लक्ष्मी मंत्र की जाप करें। तो नियम से लाभ होगा। (17) व्यापार वृद्धि हेतु- सोमवार को रात्रि में एक नारियल का गोला लेकर व्यापार स्थल पर २१ बार उतारें तथा उसे लाल कपड़े में लपेट कर घर लायें। फिर आटे को घी से भून लें तथा बूरा (चीनी) मिलाकर ठण्डा होने पर गोले में छेद कर उक्त मिश्रण को उसमें भर कर कपड़े में लपेट कर रख लें, फिर मंगलवार को सूर्योदय पूर्व स्नानादि से निवृत्त होकर गोले को ऐसी जगह गाड़ दें जहां चीटियां हों। ध्यान दें वह जगह किसी पेड़ के पास पार्क या जंगल में हो तथा गोले का मुंह जमीन की सतह पर हो फिर मूलमंत्र का जाप करके घर लौट जायें। ऐसा सात मंगलवार करें इससे व्यापार में निश्चय बरकत होगी। : 462

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