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तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
तथा प्रतिदिन शांतिनाथ भगवान की पूजा करें व शनिवार रविवार को साधु को
काले अंगूर दान करें। (8) शीघ्र विवाह - शुक्ल पक्ष के गुरुवार की शाम को ५ प्रकार की मिठाई, हरी
इलायची का जोड़ा चढ़ाकर शुद्ध घी का दीपक पीपल के वृक्ष या मंदिर में जलाएं।
पीली गाय को दो आटे के पेड़े, थोड़ी हल्दी, गुड़ व चने की भीगी दाल खिलाएं। (9) शीघ्र विवाह - शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को व्रत प्रारम्भ करके,पूजा अर्चना करके
श्वेतार्क वृक्ष के ८ पत्ते लायें। ७ पत्ते की पत्तल बनावें व आठवें पत्ते पर अपना नाम लिखकर शिव को अर्पित करें। व्रत का भोजन पत्तों की पत्तल पर करें। व्रत पूर्ण होने पर श्वेतार्क के पुष्प भगवान को अर्पित करें और "ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः' मंत्र की पाँच माला जपकर पांच नारियल मंत्रित करके शिव को समर्पित करें नियम से
बाधा दूर होगी। लेकिन विवाह के बाद प्रत्येक सोमवार के दिन ब्रह्मचर्य व्रत रखें। (10) मनोवांछित पत्नी की प्राप्ति हेतु- स्वयं का फोटो एवं प्रेमिका का फोटो परस्पर
आमने-सामने मिलाकर किसी पत्थर से दबाकर एकान्त स्थान पर रख दें, विवाह
की स्थिति बनेगी। (11) मनचाही स्त्री प्राप्त मंत्र –'ॐ ह्रीं नमः" लाल माला, लाल आसन, लाल वस्त्र
पहिनकर सात दिन तक प्रतिदिन ग्यारह हजार बार जाप करने से मनचाही नारी
मिल जाती है। (12) इच्छित वर प्राप्ति मंत्र -ओं भूर्भव स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि
धियो योनः प्रचोदयात्। माहेन्द्री कुल कुल पुल स्वाहा। विधि - इस गायत्री मंत्र की साधना सीता जी ने की थी कहा जाता है कि
इससे इच्छित वर की प्राप्ति होती है। आत्मिक बल बढ़ता है। (13) वर प्राप्ति मंत्र - ॐ ह्रीं कुमाराय नमः स्वाहा।
विधि - यदि कन्या इस मंत्र की 10 हजार बार जाप करे तो उसे शीघ्र वर की प्राप्ति होगी।
(61) विवाह विलंब (1) विवाह विलम्ब निवारण हेतु- शुक्ल पक्ष में प्रथम गुरुवार को प्रातः काल स्नानादि
से निवृत्त होकर सात पीली वस्तुएँ (कपड़ा, पुष्प, पीतल, चने की दाल, गुड़ या अन्य मिठाई, यज्ञोपवीत, हल्दी की गांठ आदि) एक-कपड़े में बांधकर अपने इष्ट का स्मरण करते हुए घर में किसी ऐसे स्थान पर रख दें जिसे कोई देख न सकें।
विवाहोपरान्त उक्त साम्रगी को बहते हुए जल में प्रवाहित करें। (2) विवाह बाधा- मंगलवार को प्रातः काल सूखे नारियल में छेद करके सवा पाव बूरा
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