Book Title: Tantra Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 16
________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर (2) नींद आने हेतु - काकजंघा की पतली जड़ में काला धागा लपेटकर गांठ लगा दें और उसे सिर में बांध लें तो खूब नींद आएगी । (3) निद्रा पर तंत्र - १. केंचुवे की जड़ पीसकर जिसके सिर पर डाल दी जाय, उसको खूब निद्रा आती है। (4) फिटकरी का टुकड़ा बच्चे के गले में बांध देने से बच्चा सुख की नींद सोता है । (5) अनिद्रा :- सोते समय नीबू, शहद ( चासनी), एक गिलास पानी से पीने से गहरी नींद आती है। (6) नींद न आए तो :- नींद लाने के लिए सफेद घुंमची ( श्वेत गुन्जा, सफेद चिरमी) की जड़ सिरहाने ( मस्तक के नीचे ) रखकर सोने से गहरी नींद आती है। . (7) बृहस्पतिवार को केवांच की जड़ पीसकर माथे पर लगाने से अच्छी नींद तथा अनिंद्रा से छुटकारा मिलता है। I (8) निद्राभय- मूंगे को गले में लटकायें तो निद्राभय दूर हो। (9) गहरी नींद :- गधे का दांत सिरहाने रखने पर गहरी नींद आती है । (10) नींद हेतु- अनिद्रा की स्थिति में मेंहदी के मूल सिरहाने रखें तो अच्छी नींद आती हैं। (7) आधा शीशी का दर्द दूर करने का तंत्र (1) आधा सिर दर्द दूर - सफेद चिरमी की जड़ घिसकर सूंघे तो आधा शीशी रोग नष्ट होता है । (2) आधा शीशी - गाय के घी में सोरा मिलाकर सूंघने से आधा शीशी रोग जाता है। (3) आधा शीशी दर्द दूर - 1. नौशादर और बड़ी इलायची के छिलके दोनों को बारीक पीस कर जिस तरफ के नासिका छिद्र में सूंघे उसी तरफ का आधा शीशी का दर्द दूर हो जाएगा। (४) सफेद चन्दन को काट कर उसमें गूगल की धूप देकर अगर अपनी भुजा में बाँधे तो आधा शीशी दर्द दूर हो जाये । (5) आधा शीशी का दर्द दूर करने का तंत्र - जिस व्यक्ति को आधा शीशी के दर्द का रोग हो, वह प्रातः काल दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके अपने हाथ में एक गुड़ की डली लेकर उसे दातों से काटकर चौराहे पर फेंक दे तो आधा शीशी का दर्द दूर हो जाता है। (6) सफेद चिरमी (गुंजा) की जड़ घिसकर सूंघे तो आधा शीशी मिटे | (7) शिरोपीड़ा:- मोल श्री (संस्कृत में केसव, हिन्दी पंजाबी में मोलसरी या बकुल, बंगाली में गाछ, गुजराती में बोलसरी, तमिल में अंलागु केसारम कहते हैं) का 438

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