Book Title: Swasthya Sadhan Author(s): Mohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji Publisher: Gandhi Granthagar Banaras View full book textPage 6
________________ ( ७ ) कर्तव्य है कि इस कठिनाई को दूर करें। प्रत्येक व्यक्ति के वह अपने शरीर के सम्बन्ध में पर्याप्त ज्ञान रक्खे । भी ऐसी शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिये । अभी हमें इन्सियों का भी उपचार नहीं मालूम है; यहाँ तक कि काँटा चुभ जाय, तो हम अपनी असमर्थता दिखलाते प काट ले तो हम बिलकुल बबड़ा जाते हैं । यदि इन अपनी अज्ञानता का विचार करें, तो हमें लज्जा से करना पड़ेगा। यह कहना कि साधारण मनुष्य इन न सकता, हमारी निरी मूर्खता है । यह पुस्तक इसी गयी है कि जो इन विषयों को जानना चाहेंगे, आसानी का यह मतलब कदापि नहीं है कि जो कुछ भी मैंने खा है उसे पहिले किसी ने नहीं बतलाया । इसमें बात यह मिलेगी कि बहुतेरी पुस्तकों के पढ़ने के बाद व प्राप्त करने के बाद यह पुस्तक सिलसिलेवार लिखी -तिरिक्त वे लोग जिनके लिये यह एक नया विषय है, में पड़ने से बच सकते हैं । जिसमें एक ही रोग में राय है कि गर्म पानी का प्रयोग होना चाहिए और नहीं, ठंडे पानी का । ऐसे विरोधी विचारों पर मैंने अपना एक निश्चित मत स्थिर किया है, और तब में किया है ताकि इसके पढ़ने वाले कही हुई बातों पर करें । में भी हमें डाक्टर की शरण लेने की आदत सी पड़Page Navigation
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