Book Title: Suyagadanga Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 13
________________ मूल्य १०-०० १५-०० १५-०० ५.०० ७-०० १-०० F -१०-०० आगम बत्तीसी के अलावा संघ के प्रकाशन क्रं. नाम मूल्य | क्रं. नाम १. अंगपविद्वसुत्ताणि भाग १ १४-०० ५१. लोकाशाह मत समर्थन . २. अंगपविट्ठसुत्ताणि भाग २ ४०-०० | ५२. जिनागम विरुद्ध मूर्ति पूजा ३. अंगपविट्ठसुत्ताणि भाग ३ ३०-०० | ५३. बड़ी साधु वंदना ४. अंगपविट्ठसुत्ताणि संयुक्त ८०-०० | ५४. तीर्थंकर पद प्राप्ति के उपाय ५. अनंगपविट्ठसुत्ताणि भाग १ ३५-०० ५५. स्वाध्याय सुधा ६. अनंगपविट्ठसुत्ताणि भाग २ ४०-०० ५६. आनुपूर्वी ७. अनंगपविट्ठसुत्ताणि संयुक्त ८०-०० ५७. सुखविपाक सूत्र ८. अनुत्तरोववाइय सूत्र ३-५० ५८. भक्तामर स्तोत्र ६. आयारो ८-०० ५६. जैन स्तुति १०. सूर्यगडो ६-०० ६०. सिद्ध स्तुति ११. उत्तरज्झयणाणि (गुटका) ६१. संसार तरणिका १२. दसवेयालिय सुत्तं (गुटका) . ५-०० ६२. आलोचना पंचक १३. णंदी सुत्तं (गुटका) अप्राप्य ६३. विनयचन्द चौबीसी १४. चउछेयसुत्ताई १५-०० ६४. भवनाशिनी भावना १५. आचारांग सूत्र भाग १ , २५-०० | ६५. स्तवन तरंगिणी १६. अंतगडदसा सूत्र १०-०० ६६. सामायिक सूत्र - १७-१८. उत्तराध्ययनसूत्र भाग १,२,३ '४५-०० ६७. सार्थ सामायिक सूत्र २०. आवश्यक सूत्र (सार्थ) .१०-०० ६८. प्रतिक्रमण सूत्र २१. दशवकालिक सूत्र १०-०० ६६. जैन सिद्धांत परिचय २२. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग १ १०-०० ७०. जैन सिद्धांत प्रवेशिका २३. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग २ १०-०० ७१. जैन सिद्धांत प्रथमा २४.जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग ३ १०-०० ७२. जैन सिद्धांत कोविद २५. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग ४ १०-०० ७३. जैन सिद्धांत प्रवीण २६. जैन सिद्धांत थोक संग्रह संयुक्त १५-०० ७४. तीर्थंकरों का लेखा २७. पन्नवणा सूत्र के थोकड़े भाग १ ७५. जीव-धड़ा २८. पन्नवणा सूत्र के थोकड़े भाग २ ७६. १०२ बोल का बासठिया २६. पन्नवणा सूत्र के थोकड़े भाग ३ १०-०० ७७. लघुदण्डक ३०-३२. तीर्थंकर चरित्र भाग १,२,३ १४०-०० ७८. महादण्डक ३३. मोक्ष मार्ग ग्रन्थ भाग १ ३५-०० ७६. तेतीस बोल ३४. मोक्ष मार्ग ग्रन्थ भाग २ ३०-०० ८०. गुणस्थान स्वरूप ३५-३७. समर्थ समाधान भाग १,२,३ ५७-०० ८१. गति-आगति । ३८. सम्यक्त्व विमर्श १५-०० ८२. कर्म-प्रकृति .. ३६. आत्म साधना संग्रह २०-०० ८३. समिति-गुप्ति ४०. आत्म शुद्धि का मूल तत्वत्रयी २०-०० ८४. समकित के ६७ बोल .. ४१. नवतत्वों का स्वरूप १३-०० ८५. पच्चीस बोल ४२. अगार-धर्म १०-०० ८६. नव-तत्त्व 83. Saarth Saamaayik Sootra अप्राप्य ८७. सामायिक संस्कार बोध ४४. तत्त्व-पृच्छा १०-०० ८८. मुखवस्त्रिका सिद्धि ४५. तेतली-पुत्र ४५-०० ४६. शिविर व्याख्यान १२-०० ८९.विद्युत् सचित्त तेऊकाय है १०. धर्म का प्राण यतना ४७. जैन स्वाध्याय माला १८-०० ४८. सुधर्म स्तवन संग्रह भाग १ २२-०० ११. सामग्ण सहिधम्मो ४६. सुधर्म स्तवन संग्रह भाग २ १५-०० ६२.मंगल प्रभातिका १०. सुधर्म चरित्र संग्रह . १०.०० ३. कुगुरु गुर्वाभास स्वरूप २-०० २-०० ७-०० ३-०० अप्राप्य २-००. १-०० अप्राप्य ५-०० १-००. ३-०० ३-०० अप्राप्य ४-०० ४-०० ३-०० ४-०० १-०० २-०० ०-५० ३-०० १-०० २-०० ३-०० १-०० १-०० २-०० २-०० १०-०० ३-०० ६-०० ४-०० ३-०० ३-०० २-०० अप्राप्य १.२५ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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