Book Title: Sutra Samvedana Part 02 Author(s): Prashamitashreeji Publisher: Sanmarg PrakashanPage 18
________________ विषय * 'उवसग्गहरं... आवासं' का विशेषार्थ * 'विसहर... उवसामं' का विशेषार्थ * 'चिट्ठउ...दुक्ख-दोगच्चं ' का विशेषार्थ * 'तुह सम्मत्ते..ठाणं' का विशेषार्थ क्रम * 'इअ संधुओ... जिणचंद' का विशेषार्थ ९. जयवीयराय सूत्र (प्रार्थना सूत्र ) * सूत्र परिचय * मूल सूत्र * अन्वय सहित संस्कृत छाया और शब्दार्थ * 'जयवीयराय... भयवं' का विशेषार्थ * 'भवनिव्वेओ' का विशेषार्थ * 'मग्गाणुसारिया' का विशेषार्थ * 'इट्ठफलसिद्धि' का विशेषार्थ * 'लोगविरुद्धच्चाओ' का विशेषार्थ * लोगविरुद्ध कार्य * 'गुरुजनपूआ' का विशेषार्थ पृष्ठ नं. क्रम १५८ १६२ १६४ १६६ १६९ १७२-२१० १७२ १७४ १७४ १७६ १८० १८२ १८४ १८८ १८९ विषय * 'परत्थकरणं च' का विशेषार्थ १९२ * 'सुहगुरुजोगो' का विशेषार्थ * 'तव्वयणसेवणा' का विशेषार्थ * 'आभवमखंडा' का विशेषार्थ * 'वारिज्जई...तुम्ह * मूल सूत्र * अन्वय सहित संस्कृत छाया और शब्दार्थ 'अरिहंत... काउस्सगं' * 17 का विशेषार्थ * 'वंदणवत्तियाए' का विशेषार्थ पृष्ठ नं. १९३ चलणाणं' का विशेषार्थ २०२ 'दुक्खक्खओ... * 'करणेणम' का विशेषार्थ २०४ * 'सर्वमंगल...शासनम्' विशेषार्थ * 'सम्मावत्तियाए' का विशेषार्थ १९६ का विशेषार्थ २०९ १०. अरिहंत चेइयाणं सूत्र २११ - २३७ * सूत्र परिचय २११ २१३ * 'बोहिलाभवत्तियाए' का विशेषार्थ १९९ २०० २१३ २१६ * 'पूअण...सक्कारवत्तियाए' का २१७ २१४ २२० २२१Page Navigation
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