Book Title: Sutra Samvedana Part 02 Author(s): Prashamitashreeji Publisher: Sanmarg PrakashanPage 16
________________ * * * * * * * क्रम विषय पृष्ठ नं. क्रम विषय पृष्ठ नं. * 'अप्पडिहय-सासण' का * ‘आइगराणं' का विशेषार्थ ७५ विशेषार्थ ४५ | * 'तित्थयराणं' का विशेषार्थ ७७ * 'चउवीसंपि जिनवर जयंतु' * 'सयंसंबुद्धाणं' का विशेषार्थ ८० का विशेषार्थ ४६ * 'पुरिसुत्तमाणं' का विशेषार्थ ८२ * 'कम्मभूमिहिं...निच्च * उत्तम पुरुष के दस गुण ८३ विहाणि' का विशेषार्थ ४७ * 'पुरिस-सीहाणं' का विशेषार्थ८७ * 'जयउ सामिय...सव्वे वि' * परमात्मा एवं सिंह में __ का विशेषार्थ समानता ८७ * 'सत्ताणवइ-सहस्सा... * 'पुरिसवर पुण्डरीयाणं' पणमामि' का विशेषार्थ ५२ का विशेषार्थ ४. जं किंचि सूत्र ५३-५७ * कमल के साथ परमात्मा * सूत्र परिचय की तुलना * मूल सूत्र * 'पुरिस-वर-गंध-हत्थीणं' * अन्वय सहित संस्कृत ___ का विशेषार्थ छाया और शब्दार्थ * 'लोगुत्तमाणं' का विशेषार्थ ९२ * 'जं किंचि...लोओ * 'लोगनाहाणं' का विशेषार्थ ९४ का विशेषार्थ * 'लोगहियाणं' का विशेषार्थ ९५ * 'जाईं...वंदामि' * 'लोग-पईवाणं' का * का विशेषार्थ विशेषार्थ ९८ ५. नमोऽत्थुणं सूत्र * 'लोगपज्जोअगराणं' * सूत्र परिचय का विशेषार्थ * मूल सूत्र * 'अभयदयाणं' का विशेषार्थ१०१ * अन्वय सहित संस्कृत * भवनिर्वेद ही भगवद् छाया और शब्दार्थ बहुमान १०२ * 'नमोऽत्थुणं' का * उदाहरण द्वारा अभयदयाणं १०३ विशेषार्थ * अरिहंत परमात्मा ही * पूजा के चार प्रकार ६६ _ 'अभय' आदि के दाता १०५ * 'अरिहंताणं' का विशेषार्थ ७० * 'चक्खुदयाणं' का विशेषार्थ १०६ * 'भगवंताणं' का विशेषार्थ ७१ * 'मग्गदयाणं' का विशेषार्थ १०९ * * * * ५८-१४४Page Navigation
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