Book Title: Sthanang Sutram Part 02
Author(s): Vijaychandrasguptasuri
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
View full book text ________________ श्रीस्थानाङ्ग श्रीअभय० वृत्तियुतम् भाग-२ // 847 // जंबुद्दीवे 2 भरहवासे दस रायहाणीओपं० तं०- चंपा 1 महुरा 2 वाणारसी ३य सावत्थी 4 तहत सातेतं५। हत्थिणउर 6 कंपिल्लं 7 मिहिला 8 कोसंबि ९रायगिहं 10 // 1 // एयासुणं दसरायहाणीसु दस रायाणो मुंडा भवेत्ता जाव पव्वतिता, तं०- भरहे सगरो मघवं सणंकुमारो संती कुंथू अरे महापउमे हरिसेणो जयणामे / / सूत्रम् 718 // जंबुद्दीवे 2 मंदरे पव्वए दस जोयणसयाई उव्वेहेणं धरणितले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं उवरिंदसजोयणसयाई विक्खंभेणं दस दसाइंजोयणसहस्साइंसव्वग्गेणं पं०॥सूत्रम् 719 // ___ जंबुद्दीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स बहुमज्झदेसभागे इमीसे रयणप्पभाते पुढवीते उवरिमहेट्ठिल्लेसु खुड्डगपतरेसु, एत्थ णमट्ठपतेसिते रुयगे पं० जओणमिमातो दस दिसाओ पवहंति, तं०-पुरच्छिमा 1 पुरच्छिमदाहिणा 2 दाहिणा 3 दाहिणपञ्चत्थिमा 4 पञ्चत्थिमा 5 पञ्चत्थिमुत्तरा 6 उत्तरा 7 उत्तरपुरच्छिमा 8 उद्धा 9 अहो 10, एएसिणं दसण्हं दिसाणं दस नामधिज्जा पं० तं०- इंदा अग्गीइ जमा णेरती वारुणीय वायव्वा ।सोमाईसाणाविय विमला य तमाय बोद्धव्वा॥१॥लवणस्सणंसमुद्दस्स दस जोयणसहस्साइंगोतित्थविरहिते खेत्ते पं०, लवणस्सणंसमुद्दस्स दस जोयणसहस्साई उदगमाले पन्नत्ते, सव्वेविणंमहापाताला दसदसाइंजोयणसहस्साइमुव्वेहेणं पण्णत्ता, मूले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पन्नत्ता, बहुमज्झदेसभागे एगपएसिताते सेढीए दसदसाइंजोयणसहस्साई विक्खंभेणंपन्नत्ता, उवरिंमुहमूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं पण्णत्ता, तेसिणं महापातालाणंकुड्डा सव्ववइरामया सव्वत्थसमा दस जोयणसयाइंबाहल्लेणं पन्नत्ता, सव्वेविणंखुद्दा पाताला दस जोयणसताई उव्वेहेणं पं०, मूले दसदसाइंजोयणाई विक्खंभेणं, बहुमज्झदेसभागे एगपएसिताते सेढीते दस जोयणसताइं विक्खंभेणं पं०, उवरि मुहमूले दसदसाइंजोयणाई विक्खंभेणं पं०, तेसि णंखुड्डापातालाणं कुड्डा सव्ववइरामता सव्वत्थ समा दस जोयणाइंबाहल्लेणं पण्णत्ता // सूत्रम् 720 / / दशममध्ययन दशस्थानम्, सूत्रम् 716-726 प्राणादीनि भंगान्तानि सूक्ष्माणि, गंगादिसमगतनद्यः, भरतराजधान्य: तत्प्रव्रजिता नृपाश्च, इत्यादि // 847 //
Loading... Page Navigation 1 ... 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444