Book Title: Sthanang Sutram Part 02
Author(s): Vijaychandrasguptasuri
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

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Page 405
________________ श्रीस्थानाङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ // 897 // पं० तं०- णमि 1 मातंगे 2 सोमिले 3 रामगुत्ते 4 सुदंसणे 5 चेव / जमाली 6 त भगाली त 7 किंकमे 8 पल्लतेतिय ९॥१॥फाले अंबडपुत्तेत 10, एमेते दस आहिता १०-४॥अणुत्तरोववातियदसाणं दस अज्झयणा पं० तं०- ईसिदासे य१धण्णे त 2, सुणक्खत्ते य ३कातिते 4 (तिय)।सट्ठाणे 5 सालिभद्दे त 6, आणंदे 7 तेतली 8 तित॥१॥दसन्नभद्दे 9 अतिमुत्ते 10, एमेते दस आहिया १०५॥आयारदसाणंदस अज्झयणा पं० तं०- वीसं असमाहिट्ठाणा 1 एगवीसंसबला 2 तेत्तीसं आसायणातो 3 अट्ठविहा गणिसंपया 4 दस चित्तसमाहिट्ठाणा 5 एगारस उवासगपडिमातो 6 बारस भिक्खुपडिमातो 7 पज्जोसवणा कप्पो 8 तीसं मोहणिजट्ठाणा 9 आजाइट्ठाणं 10-6 // पण्हावागरणदसाणं दस अज्झयणा पं० तं०- उवमा 1 संखा 2 इसिभासियाई 3 आयरियभासिताई 4 महावीर-भासिआई५खोमगपसिणाई६ कोमलपसिणाई अद्दागपसिणाई 8 अंगुट्ठपसिणाइं९ बाहुपसिणाई १०-७॥बंधदसाणं दस अज्झयणा पं० तं०- बंधे 1 य मोक्खे 2 य देवद्धि 3 दसारमंडलेवित 4 आयरियविप्पडिवत्ती 5 उवज्झातविप्पडिवत्ती 6 भावणा 7 विमुत्ती 8 सातो 9 कम्मे १०-८॥दोगेहिदसाणं दस अज्झयणा पं० तं०- वाते 1 विवाते 2 उववाते 3 सुक्खित्ते कसिणे 4 बायालीसं सुमिणे 5 तीसं महासुमिणा 6 बावत्तरिंसव्वसुमिणा 7 हारे 8 रामे ९गुत्ते 10 एमेते दस आहिता १०-९॥दीहदसाणंदस अज्झयणा पं० तं०- चंदे 1 सूरते 2 सुक्के ३त सिरिदेवी 4 पभावती 5 दीवसमुद्दोववत्ती 6 बहूपुत्ती 8 मंदरेति त ९थेरे संभूतविजते 8 थेरेपम्ह 9 ऊसासनीसासे १०-१०॥संखेवितदसाणंदस अज्झयणापं० तं०-खुड्डिया विमाणपविभत्ती 1 महल्लिया विमाणपविभत्ती 2 अंगचूलिया 3 वग्गचूलिया 4 विवाहचूलिया ५अरुणोववाते 6 वरुणोववाए 7 गरुलोववाते 8 वेलंधरोववाते ९वेसमणोववाते १०-११॥सूत्रम् 755 // दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो उस्सप्पिणीते दस सागरोवमकोडाकोडीओकालो ओसप्पिणीते।सूत्रम् 756 // दशममध्ययनं दशस्थानम्, सूत्रम् 754-756 छद्यस्थाज्ञेयाः केवलिज्ञेयाः | पदार्थाः, | दशाभेदाः, कर्मविपाकादि-दशा| दशकाध्ययनानि, उत्सर्पिण्यादिकालमानम् (तत्तदध्ययनकथानकानि) // 897 //

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