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स्व० भंवरलालजी नाहटा - एक युगपुरुष : ९ पद्य और कुछ अंश गद्य भी हैं।
१८. दादाश्रीजिनकुशलसरि- प्रस्तुत पुस्तक तृतीय दादासाहब पर अगरचन्द भंवरलाल नाहटा द्वारा लिखित और नाहटा ब्रदर्स द्वारा प्रकाशित श्री अभय जैन ग्रन्थमाला का २०वाँ पुष्प है। इसकी प्रस्तावना मुनि जिनविजयजी ने लिखी है जिसमें उक्त कृति का सारांश सहित अन्य प्रकाशित/अप्रकाशित ज्ञान भण्डार की जानकारी दी गयी है।
१९. हम्मीरायण- प्रस्तुत पुस्तक जयतिगदे चौहान के पुत्र रणथम्भौर के राजा हम्मीरदे की कथा है जो भाण्डाजी व्यास द्वारा रचित और सादूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट, बीकानेर द्वारा प्रकाशित है। श्री भंवरलालजी नाहटा द्वारा यह पुस्तक सम्पादित है। इसमें प्रकाशकीय श्री लालचन्द कोठारी, दो शब्द भंवरलाल नाहटा व भूमिका डॉ०दशरथ शर्मा ने लिखी है।
२०. समयसुन्दररासपञ्चक- युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि से दीक्षित, सकलचन्दगणि के शिष्य महोपाध्याय समयसुन्दरजी की जीवनी के साथ उनकी रचनाओं को भंवरलालजी नाहटा ने सम्पादित किया है। सादूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीच्यूट, बीकानेर द्वारा यह ग्रन्थ वि०सं० २०१७ में प्रकाशित हुआ है।
२१. पद्मिनीचरित्रचौपाई- प्रस्तुत शोधपूर्ण ग्रन्थ सौन्दर्य, बुद्धियुक्त धैर्य, अदम्य साहसी, पातिव्रत्य व सतीत्व की प्रतीक रानी पद्मावती पर रचित, संगृहीत व शोधसिद्ध रचना है। भंवरलालजी नाहटा द्वारा सम्पादित, सादुल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट, बीकानेर से वि०सं० २०१८ में प्रकाशित यह कृति डॉ० दशरथ शर्मा के विवेचन सहित कवि लब्धोदय की प्रथम रचना है।
२२. सतीमृगावती- भंवरलाल जी नाहटा द्वारा यह पुस्तक १७ वर्ष की आयु में १९२८ ई० में लिखी गयी थी, जिसे श्री जिनदत्तसूरि सेवा संघ ने पुन: प्रकाशित कराया।
२३. तरंगवती- आचार्य श्रीपादलिप्तसूरि की प्राकृतकृति का संक्षिप्त रूप 'तरंगवती' शतावधानी पं० धीरजलाल शाह की गुजराती में प्रकाशित (श्रेणी ५, भाग १-२) 'बाल ग्रन्थावली' का हिन्दी अनुवाद है। यह कृति श्री जिनदत्तसूरि सेवा संघ द्वारा प्रकाशित है।
२४. कलकत्ते की जैन कार्तिक रथयात्रा महोत्सव– विश्व की अतुलनीय जैन रथयात्रा का उद्देश्य, महत्ता, ऐतिहासिक-तथ्य सप्रमाण लिखकर भँवरलालजी नाहटा ने नाहटा ब्रदर्स व जोगीराम बैजनाथ (सरावगी) से प्रकाशित करायी। इसका प्रकाशन १९५७ ई० में हुआ।
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