Book Title: Shrutsagar 2014 11 Volume 01 06
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 14
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 12 SHRUTSAGAR NOVEMBER-2014 एक हजार योजन भूमिमां उंडा, मूळमां तथा शिखर उपर दस हजार योजन लांबा पहोळा धान्यना प्याला जेवा एक एक दधिमुखपर्वत होवाथी कुल सोळ चैत्यो दधिमुख पर्वतो छे, ते दरेक पर्वत उपर एक एक शाश्वत चैत्य होवाथी कुल सोळ चैत्यो दधिमुख पर्वत उपर होय छे. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मां पूर्वदिशाना चार दधिमुखचैत्योमां सौधर्मेन्द्रना चार लोकपाल, उत्तर दिशाना चार दधिमुखचैत्योमां ईशानेन्द्रना लोकपाल, दक्षिणदिशाना चार दधिमुखचैत्योमां चरमेन्द्रना लोकपाल तथा पश्चिमदिशाना चार दधिमुख- चैत्योमां बलीन्द्रना लोकपाल अठ्ठाई महोत्सव करे छे. उपरोक्त सोळ वावडीनी चारे दिशाए पांचसो पांचसो योजन दूर गये पांचसो योजन पहोळा, एक लाख योजन लांबा एक एक वन होवाथी कुल चोसठ वन छे. दरेक अंजनगिरिने फरती आवेली चार-चार वावडीओना आंतरमां दरेकमां बे बे रतिकर पर्वत होवाथी एक अंजनगिरिने फरता आठ आठ एम कुल चार अंजनगिरिने फरता कुल मळी बलीश रतिकर पर्वतो होय छे. ते दरेक पद्मरागमणिमय (मतांतरे सुवर्णमय) होय छे. ए दरेक पर्वत उपर, शाश्वतजिन चैत्य होवाथी कुल बत्रीस जिनचैत्य रतिकर पर्वत उपर होय छे. चार अंजनगिरि, एक-एक एवा सोळ दधिमुखपर्वत, अने बलीस रतिकरपर्वत एम कुल मळीने पर बावन शाश्वत जिन चैत्यो थया. वधुमां श्रीनंदीश्वर द्वीपना अतिमध्यभागे चार विदिशामां चार रतिकरपर्वत छे, आंतराना बे बे रतिकरपर्वतथी आ रतिकर जुदा छे. ते सर्वे रत्नना बनेला, गोळ दस हजार योजन उपर-नीचे विस्तारवाळा, एक हजार योजन उंचा, बसो पचास योजन भूमिमां दटायेला छे. तेथी झालर (घंटा) जेवा छे. ते रतिकर पर्वतोमा अग्निखूणा अने नैऋत्यखूणाना रतिकरनी चारे दिशाए एक-एक राजधानी छे. ते बे रतिकरनी कुल आठ राजधानीओ सौधर्मेन्द्रनी अने आठ ईन्द्राणीओनी छे. ते ज रीते वायव्य अने ईशानखूणाना रतिकरनी चारे दिशानी मळी कुल आठ राजधानीओ ईशानेन्द्रनी अने आठ ईन्द्राणीओनी छे कुल सोळ राजधानी छे. ते दरेक राजधानीमां एक-एक शाश्वत जिनचैत्य छे, तेथी सोळ शाश्वत जिनचैत्यो ईन्द्राणीनी राजधानीमां थया. (मतांतरे दरेक रतिकरनी चारे दिशामां एक एकना स्थाने बे बे राजधानी गणता चार रतिकरनी कुल बत्रीस राजधानीओ थाय अने एटले कुल बत्रीस शाश्वतजिनचैत्यो थाय सर्व मळीने बावन अंजनगिरि प्रमुखना सोळ (ईन्द्राणीनी राजधानीना) जिनचैत्यो भेगा थई अडसठ चैत्यो नंदीश्वर द्वीपना थया (मतांतरे ईन्द्राणीनी राजधानीना बत्रीश जिनचैत्यो गणता कुल चैत्योनी संख्या चोर्यासी थई अंजनगिरि वगेरे बावन शाश्वत For Private and Personal Use Only

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