Book Title: Shrutsagar 2014 11 Volume 01 06
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 23
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 21 श्रुतसागर नवम्बर-२०१४ मन्दार-जाती-बकुलादिकुन्दै(पुष्पैः), सौरभ्यरम्यैः शतपत्रपुष्पैः। नन्दीश्वरे दक्षिणकज्जलाद्रौ, सम्पूजये श्रीजिनराजबिम्बम् ॥३॥ ॐ ह्रीं श्रीनन्दीश्वरद्वीपे दक्षिणदिग्स्थिताञ्जनगिरी श्रीजिनबिम्बेभ्यः पुष्पं यजामीति स्वाहा ॥३॥ विश्वप्रकाशैः कनकावदातै-दीपैश्च कर्पूरमयैर्विशालैः। नन्दीश्वरे दक्षिणकज्जलाद्रौ, सम्पूजये श्रीजिनराजबिम्बम् ॥४॥ ॐ ह्रीं श्रीनन्दीश्वरद्वीपे दक्षिणदिग्स्थिताजनगिरौ श्रीजिनबिम्बेभ्यो दीपं यजामीति स्वाहा ॥४॥ कर्पूर-कृष्णागुरु-चन्दनाद्यै-धूपैः सुगन्धैर्वरद्रव्ययुक्तैः। नन्दीश्वरे दक्षिणकज्जलाद्रौ, सम्पूजये श्रीजिनराजबिम्बम् ॥५॥ ॐ ह्रीं श्रीनन्दीश्वरद्वीपे दक्षिणदिग्स्थिताञ्जनगिरौ श्रीजिनबिम्बेभ्यो धूपं यजामीति स्वाहा ॥५॥ चन्द्रावदातैः सरलैः सुगन्धै-रनिन्द्यपात्रैर्वरशालिपुजैः। नन्दीश्वरे दक्षिणकज्जलाद्रौ, सम्पूजये श्रीजिनराजबिम्बम् ॥६॥ ॐ ह्रीं श्रीनन्दीश्वरद्वीपे दक्षिणदिस्थिताञ्जनगिरौ श्रीजिनबिम्बेभ्योऽक्षतं यजामीति स्वाहा ॥६॥ खजूर-राजादि(द)नि-नालिकेरैः, पूगैः फलैर्मोक्षफलाभिलाषैः(फलेच्छयाऽहम्)। नन्दीश्वरे दक्षिणकज्जलाद्रौ, सम्पूजये श्रीजिनराजबिम्बम् ॥७॥ ॐ ह्रीं श्रीनन्दीश्वरद्वीपे दक्षिणदिग्स्थिताञ्जनगिरौ श्रीजिनबिम्बेभ्यः(भ्यो) फलं यजामीति स्वाहा ॥७॥ बाष्पायमानै(सद्गन्धयुक्तै-)द्भुतपूरपूरै-र्नानाविधैः पात्रगतैरसाढ्यैः(श्च भोज्यैः)। नन्दीश्वरे दक्षिणकज्जलाद्रौ, सम्पूजये श्रीजिनराजबिम्बम् ॥८॥ ॐ ह्रीं श्री नन्दीश्वरद्वीपे दक्षिणदिग्स्थिताजनगिरी श्रीजिनबिम्बेभ्यो नैवेद्यं यजामीति स्वाहा ॥८॥ जल-गन्धा-ऽक्षत-पुष्प-नैवेद्यै-र्दीप-धूप-फलनिकरैः। नन्दीश्वरदक्षिणकज्जल-गिरिजिनमर्घमिह दद्यात् ॥९॥ For Private and Personal Use Only

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