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भव
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नाम
गुणसेन- अग्निशर्मा
सिंहराजा
आनंदकुमार शिखिकुमार - जालिनी
धन- धनश्री
जय-विजय
धरण- लक्ष्मी
सेन - विषेण
गुणचंद्र व्यंतर
समरादित्य - गिरिसेन
'समरादित्य' के नौ भवों का आकलन
संबंध
राजा व
पुरोहित पुल
पिता-पुत्र
पुल-माता
पति-पत्नी
भाई-भाई
पति - पत्नी
चचेरे भाई
मनुष्य देव
राजा-चांडाल
क्षेत्र
महाविदेह
महाविदेह
महाविदेह कोशाम्बी
सुशर्मनगर
काकंदी
माकंदी
चंपा
भरत
भरत
भरत
भरत
भरत
भरत
नगर
क्षितिप्रतिष्ठितं
जयपुर
अयोध्या
उज्जयिनी
अवांतर कथाएँ
वैराग्य उद्बोधक विजयसेन आचार्य का दृष्टांत.
भवनिर्वेद प्रबोधक धर्मघोषसूरिजी का दृष्टांत, मधुबिन्दु का भावपूर्ण परिचय.
संसारोद्वेग जनक विजयसिंह आचार्य का दृष्टांत, नास्तिक मत का खंडनात्मक विवरण.
परिव्राजक मत का खंडनात्मक विवरण, यशोधर मुनि
का कथानक.
सनत्कुमार आचार्य का कथानक.
अर्हद्दत्त आचार्य का कथानक.
गुणश्री साध्वी का कथानक, हरिषेण आचार्य का
कथानक.
विजयधर्म आचार्य का कथानक, सुसंगता साध्वी का
कथानक.
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