Book Title: Shrutsagar 2014 11 Volume 01 06
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 71
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 5 श्रुतसागर नवम्बर-२०१४ विकार हेतौ सति विक्रयन्ते, येषां न चेतांसि त एव धीराः । -विकारना कारणो छतां जेओनां मन विकारने पामतां नथी तेओ ज खरेखर धीर छे. व्याधि, वृद्धावस्था अने मृत्यु ए लण केवां अप्रतिकार्य छे तेनुं चित्रण एटलुं सुन्दर छे के चित्तफलक पर ए चित्रण चड्या पछी नथी तो झांखु पडतुं के नथी तो दूर खसतुं. पिताना आग्रहथी कुमार विलासवती अने कामलता नामे बे राजकुमारीओ साथे विवाह करे छे. ___ कुमारने आकर्षवाने बदले बन्ने कुमारीओ कुमारना विचारमा रंगाई जाय छे. विषयाधीन आत्माना विरूप विपाकनुं जे वर्णन कुमारे ते बन्नेने का तेनी ऊंडी असर तेना उपर पडी अने यावज्जीव ब्रह्मचर्यव्रतनुं परिपालन करवानो सर्वेए दृढ निश्चय कर्यो. देवोए पण तेओना ते निर्णयने अनुमोद्यो. राजा-राणी पण छेवटे हर्षित थया. तेओ पण कुमार पासे गयां ने कुमारनी वात सांभळीने संवेग तरफ आकर्षाया. संसारनी विचित्रताओनी परंपरा ज्यारे कुमार जणावे छे त्यारे भलभलाने एम थई जाय छे के आ संसार खरेखर, असार ने दुःखनो भंडार छे. परिणामे कुमार, माता-पिता, स्त्रीओ, मित्रादि सर्व स्वजन-संबंधीओ साथे प्रभास नामना आचार्य महाराज पासे महामहोत्सव पूर्वक संयम स्वीकारे छे. राजा पोताना भाणेजने राज्य सोंपे छे. पुरजन मात्र आनंदित थाय छे. फक्त एक गिरिषेणना हृदयमां अकारण द्वेष जागे छे ने ते कुमारने मारवानी विचारणा कर्या करे छे. वखत जतां अनेक शिष्य परिवार समेत समरादित्य मुनि अयोध्या नगरीए पधारे छे. राजा अने नगरजनो दर्शन वंदन माटे आवे छे ने देशनामां एटला तात्त्विक भावो समजावे छे के जे अनेक तत्त्वग्रन्थो जेवा छे. काळचक्रनुं स्वरूप, कर्मनी परिस्थिति, कर्मबंधना हेतुओ, मुनिधर्मनी महत्ता इत्यादि अनेक विषयो आवे छे. ए प्रमाणे अनेक आत्माने प्रतिबोध करता समरादित्य मुनि गामानुगाम विहार करतां अवंती पधारे छे. त्यां एकदा एकांतमा प्रतिमा ध्याने रह्या छे. मुनिनी पाछळ पडेलो गिरिषेण पण ठीक अवसर मळ्यो एम विचारी ध्याने रहेला मुनिना शरीर उपर आजुबाजुथी चीथरां वीणी लावीने वीटे छे. ते उपर अळसीनुं तेल छांटे छे ने पछी अग्नि चांपे छे. ध्याननी धाराए चडेला मुनिने शरीरनी परवा नथी. तेओ तो क्षपकश्रेणि उपर आरूढ थाय छे ने घातिकर्मनो क्षय करी केवळज्ञान पामे छे. For Private and Personal Use Only

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