Book Title: Shrutsagar 2014 11 Volume 01 06
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 62
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR NOVEMBER-2014 गर्भप्रभावे सुन्दर दोहद जागे छे, ब्रह्मदत्त ते पूरे छे. ब्रह्मदत्तने स्त्रीनी भावनानी खबर पडे छे एटले ते पूरेपूरी सावचेती पूर्वक बाळकने बचावी ले छे. जन्म पछी बीजे स्थळे उछेरे छे ने तेनुं शिखी' नाम राखे छे. वखत जतां जालिनीने खबर पडे छे ने शिखीने पण बधी वातनी जाण थाय छे. जालिनीनी ईच्छा तो तेने जीवतो जवा देवानी नथी छतां तत्काल तो तेने दूर करवाना सर्व प्रयत्नो करे छे. शिखिकुमारने घणु दुःख थाय छे. ते नगर बहार जाय छे ने विजयसिंह नामे आचार्य महाराजना समागममां आवे छे संयम लेवा तत्पर थाय छे ने सुन्दर रीते संयम स्वीकारे छे. संयम मार्गमां घणा ज आगळ वधे छे. जालिनी सतत तेनुं खराब करवाना विचारो सेव्या करे छे. एकदा मुनिने पोताने त्यां पधारवानो संदेश कहेवडावे छे. शिखिमुनि केटलाएक मुनिओ साथे कौशांबी पधारे छे. माताने धर्मोपदेश आपे छे. मायाविनी माता विश्वास पमाडवानी खातर अनेक व्रत-नियमो ले छे पुत्रने पोताने त्यां भोजन करवा आग्रह करे छे पण मुनिधर्मनी विरुद्ध होवाथी शिखिमुनि ना पाडे छे. एकदा पर्वने पारणे प्रातःकालमांज ऊठीने कंसार अने विषमिश्रित मोदक लईने उद्यानमांजाय छे अने त्यां वपराववानो हठाग्रह छे. मातृमेहथी विवश बनीने अकल्प्य जाणता छतां वहोरे छे ने शिखिमुनि ब्रह्मदेवलोकमां देव थाय छे. आत्मचिंतवना करतां करतां काळधर्म पामीने शिखिमुनि ब्रह्मदेवलोकमां देव थाय छे ने जालिनीनो जीव दुर्ध्याने मरीने बीजी नारकीमां नारकपणे उपजे छे. ए रीते तीजो भव पूर्ण थाय ____ अन्तरकथा तरीके आवती विजयसिंह आचार्यनी कथा केवा केवा अनर्थो करावे छे अनेक अनेक भवो सुधी तेथी आत्माने केटलुं सहन करवू पडे छे तेनो सुन्दर चितार खडो करे छे. प्रसंगोपात आचार्यश्रीए आ कथामां करेलुं नास्तिकवादनुं निरसन पण सचोट अने मननीय छे. दानादि चार धर्मोनुं वर्णन पण विशद छे. तेमां पण दानना प्रकारो अने तेनी सफलता विस्तारपूर्वक आ कथामां छे. जेम महाश्रीमंतनो परिवार दरेक प्रसंगे जुदा जुदा मनोहर अलंकारोथी विभूषित थईने जनसमाजना नयन मनने आकर्षतो होय छे ते ज प्रमाणे अहीं पण जुदा जुदा प्रसंगे नवीन रीते घडायेला विविध अलंकारो चित्तने अपूर्व रीते खेंची ले छे. For Private and Personal Use Only

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