Book Title: Shrutdeep Part 01
Author(s): 
Publisher: Shubhabhilasha Trust

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ श्रुतदीप-१ गाथाक्र. m و به مو کو به 3 www 9 w 5 5 परिशिष्ट-१ परिशिष्ट-२ क्र. गाथा श्लोकार्धानुक्रम क्र. पारिभाषिक शब्द च्यवन = गर्भसंस्कार अर्हत्भक्तिप्रमोदात्तृणतुलितदिवः उत्सर्पिणि = ऊपर जानेवाला असिता तपसस्त्रयोदशीयं अवसर्पिणि = नीचे जानेवाला उत्सर्पिण्यवसर्पिणीषु जिन = कषायों को जितनेनाला क्षितिवलयमिहाप्तस्वर्गशोभं तीर्थाधिप = तीर्थंकर च्यवनजननदीक्षाकेवल अपवर्ग = मोक्ष दशसाधुसहस्रसंयुतस्य अर्हत् = सिद्ध महोत्सवोद्योतमया मयामी तीर्थपति = तीर्थंकर मासान् भानितिथींश्च दीक्षा = मोहादि बंधन छेद यत्राश्वसेननरनाथगृहं १० केवलज्ञान = सदेह मुक्ति यस्यामजायन्त सिता __ ११ मोक्ष = संपूर्ण कर्मनाश ये श्रीतीर्थाधिपानां १२ बोधि = सम्यग्दर्शन १२ श्री मल्लिजन्मव्रतकेवलानि १३ व्रत = दीक्षा १३ सर्वे धुलोकागमजन्मदीक्षा ४ पू. १४ तपस् = पौषमास १४ सा पौषकृष्णदशमी m x w کو به به به مو به مو مو مو به 9 m3 3 3 or 9 or orm r पू. = पूर्वार्ध, उ.= उत्तराधी गाथाक्र. परिशिष्ट-३ क्र. कल्याणस्तुति में प्रयुक्त तीर्थंकरों के नाम १ अरनाथ नेमिनाथ ३ पार्श्वनाथ ४ मल्लिनाथ

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 186