Book Title: Sanskrit Sopanam Part 02
Author(s): Surendra Gambhir
Publisher: Pitambar Publishing Company

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Page 23
________________ त्वम् अम्बाम् अरक्षः। त्वम् कुत्र आसीः ? आचार्यः अवदत् 'हे छात्रौ, युवाम् किमर्थम् न अवदतम् ? युवाम् तूष्णीम् किमर्थम् आस्तम् ? किम् युवाम बधिरौ स्थः मूकौ वा ? अधुना अत्र किमपि न अस्ति । रच् (रचय्) मूर्तिः वाञ्छ् आस्तम् तूष्णीम् बधिर मूक किमपि बनाना प्रतिमा = शब्दार्थाः इच्छा करना (तुम दो) थे चुपचाप बहरा गूँगा युवाम् अम्बाम् अरक्षतम्। युवाम् कुत्र आस्तम् ? अभ्यासः the 16 अनि 8155 PHPIRTS FIS SP (to make) (statue) (to want) (you two were) (quiet) (deaf) (dumb) (anything)E कुछ भी नये धातु (New Verb-roots) - रच् (2), वाञ्छ् (1) नए रूप (New Nouns) - मूर्ति, वृद्धि-मति के समान (like मति) नए विशेषण (New Adjectives) - बधिरः मूकः नये अव्यय (New avyayas) - तूष्णीम्, किमपि 455 meg FIR FIES बधिरा बधिरम् मूका मूकम् FIFE MATE E FES Pole s मौखिकम् 1. 'गीत' शब्द के रूप ('फल' की तरह) बताइए। (Decline 'गीता' like 'फल') 2. 'वाञ्छ्' धातु के रूप लङ् लकार में बताइए । (Conjugate 'वाञ्छ्' in लङ्)

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