Book Title: Sanskrit Sopanam Part 02
Author(s): Surendra Gambhir
Publisher: Pitambar Publishing Company

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Page 102
________________ 15. सिव् सीव्यति सेविष्यति असीव्यत् सीव्यतु 16. नृत् नृत्यति नर्तिष्यति अनृत्यत् नृत्यतु 17. रच् त रचयति रचयिष्यति अरचयत् रचयतु 18. चिन्त् चिन्तयति चिन्तयिष्यति अचिन्तयत् मनु चिन्तयतु 19. चुर् चोरयति चोरयिष्यति ___ अचोरयत् चोरयतु 20. क्रुध् क्रुध्यति क्रोत्स्यति अक्रुध्यत् क्रुध्यतु 21. गण गणयति गणयिष्यति अगणयत् गणयतु त्रस् त्रस्यति त्रसिष्यति । अत्रस्यत् त्रस्यतु 23. दण्ड् दण्डयति दण्डयिष्यति अदण्डयत् दण्डयतु 24. (आ) + कर्णय कर्णयति कर्णयिष्यति अकर्णयत् - कर्णयतु 25. क्षल्क्षालयति क्षालयिष्यति अक्षालयत्न क्षालयतु मा 22. अनियमितः कृ2 करोति करिष्यति जा अकरोत् करोतु उपसर्गयुक्त-धातवः उपसर्ग लगाने से धातुओं के अर्थ में अन्तर आ जाता है। इस प्रकार के आ + गम्, आ + नी, अव् + गम्-ये तीन धातु हमने गत कक्षा में पढ़े थे। यहाँ इसी प्रकार के कुछ अन्य धातु देखिये-(The prefixes when used cause a change in the meaning of the verb-roots. We have seen आ + गम्, आ + नी, अव् + गम् in the earlier grade. Here are a few more) 1. अधि + गम् वि = पाना (to get) 2. उत् + पत् उड़ना (to fly) उत् + स्था (तिष्ठ्) GET ETTT (to stand up) आ + कर्णय सुनना (to listen) प्रति + वद् उत्तर देना (to answer) 6. वि + ह (हर) घूमना (to walk around) प्र + विश् प्रवेश करना (to enter) 8. उप + विश् बैठना (to sit) १. सम् + भू (भव्) = - सम्भव होना (to be possible) 10. प्र + भू (भव्) (to be able to) ___95

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