Book Title: Sanskrit Sopanam Part 02
Author(s): Surendra Gambhir
Publisher: Pitambar Publishing Company

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Page 64
________________ वार्तालापः स्थपतयः आरक्षकाः - किम् वयम् आरक्षकाः नागरिकान् रक्षाम् ? नागरिकाः -- अथ किम्, यूयम् रक्षत। भोः जनाः, किम् वयम् युष्माकम् भवनानि रचयाम? जनाः आम्, यूयम् भवनानि रचयत। वैद्याः हे नराः, किम् वयम् व्याधिम् हराम? wollatern नराः आम्, यूयम् व्याधिम् हरत। वयम् शरीरे पीडाम् अनुभवामः। वैद्याः उपविशत। शब्दार्थाः चतुर क्षल् (क्षालय) धोना (to wash) असाम (हम) हों (may we) be चतुर (clever) नागरिकः नागरिक (citizen) व्याधिः बीमारी (disease, sickness) पीड़ा दर्द int (pain) अनु + भू (भ) = अनुभव करना (to feel) षोडश सोलह (sixteen) नया धातु (New verb-root)- क्षल् (क्षालय) (2) उपसर्ग-युक्त धातु (Verb-root with prefix)- अनु + भू नए रूप (New pronoun & Noun)युष्मद् व्याधि- 'मुनि' के समान, (like मुनि), पीड़ा - 'लता' के समान (like लता) नया विशेषण (New Adjective)- चतुरः चतुरा चतुरम् 57

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