Book Title: Sanskrit Sopanam Part 02
Author(s): Surendra Gambhir
Publisher: Pitambar Publishing Company

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Page 58
________________ वार्तालापः छात्रः- गुरुदेव, किम् अहम् कक्षायाम् प्रविशानि? शिक्षकः- भोः रमेश, आगच्छ, अत्र उपविश च। छात्र:- गुरुदेव, अत्र स्थित्वा अहम् पठितुम् वाञ्छामि। किम् अहम् मानक संस्कृतम् पठानि? FEBITA शिक्षकः- अथकिम्, अत्र छात्राः पठितुम् एव आगच्छन्ति। त्वम् अपि पठ। छात्रः- तत् सत्यम्। परम् आचार्यस्य आज्ञा आवश्यकी भवति। उपविशामि। शिक्षकः- किम् अहम् अद्य कथाम् श्रावयाणि? छात्रः- आम्, गुरुदेव। ती म गर मोशंगा (शब्दार्थाः असानि (मैं होऊँ (may I) be प्र + विश्m babao = ( प्रवेश करना (to enter) उप + विश् बैठना (to sit) अथ किम् - = और क्या, हाँ पर (yes) उपसर्ग-युक्त धातु (verb-root with prefix)- प्र + विश्, उप + विश् नए अव्यय (New avyayas)(क) अथ किम् (ख) स्थित्वा = स्था + क्त्वा, प्रविश्य = प्र + विश् + ल्यप् उपविश्य = उप + विश् + ल्यप् (ग) पठितुम् = पठ + तुमुन् विशेषः- धातु के पूर्व उपसर्ग हो तो क्त्वा के स्थान पर ल्यप् लगता है (If there is a prefix before a verb-root use ल्यप् instead of क्त्वा ).

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