Book Title: Sanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 01
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation
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संस्कृत-प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश
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विनय, संयम, तप एवं आवश्यक गुण आदि नियम श्रमण के लिए आचरण करने योग्य हैं, उन्हें विनयपूर्वक स्वीकार करना, to be
capable character for saint. आचाराङ्गः, आयारंगो, पुं० प्रथम अंग आगम,
अर्धमागधी प्राकृत भाषा में निबद्ध, दो श्रुत स्कन्ध में विभाजित ग्रन्थ। first prakrit text in Adardhmagadhi language, • आयारं पढमंगं तत्थट्ठारस-सहस्स - पयमेत्तं। • जिसमें चलना, बैठना, उठना, स्थित होने आदि के आचार का वर्णन किया जाता है। • कधं चरे कधं चिट्ठे कधमासे कधं सए। कधं भुजेज्ज
भासेज्ज कधं पावं ण बज्झदि।। आचारिक, आयारिग, वि० नियम पालक, निर्देश
धारक, related to ceremonial rites. आचारिन्, आयारि, वि० शुद्ध आचार वाला,
आचारवान्। नियम वाला, having good
character. आचार्यः,आयरिओ/आइरिओ, पं० संघाधिपति,श्रमणों
का प्रधाननायक, • गणों, सूरी, संघनायक, one saint of mass who teaches rules of conduct, • अनगार धर्म के मंत्रियों के अधिपति, a leader of sangha of saints, • पंचाचार पयायण। five act ful character, • पंचाचार-विदण्हु त्ति, आयार-पूअ - संघधी। भव्व -णि?- हियट्ठी वि, णाणी णिच्चल-अप्पधी।। • आइरियो जगे णिच्चं, पंचाचार-समग्गए। गंभीर-धीर-धीमंतो अणुजोगधरो मुणी।। • आइरिओ त्ति गच्छाहिवई
गणाहिवई। आचार्यकुलम्, आइरिअ-उलं/आइरिउलं, नपुं० समस्त
मुनिसंघ, उपाध्याय एवं सर्वसाधु, family of
saint. आचार्यगणः, आइरिअगणो, पुं० आचार्य का संघ,
आचार्य और मुनि समूह, a heap of Aacharya, and muni a heap of
professor and teachers. आचार्य-पदम्, आइरिअ-पदं,नपुं० आचार्य का स्थान,
a place of Aacharya.
आचार्य-भक्ति, आइरिअ-भत्ति, स्त्री० आचार्य के
प्रति अनुराग रखना, being love of Aacharya, • आचार्य के प्रति श्रद्धा रखना, respecting of Aacharya,• आचार्य के अनुशासन का पालन करना, carrying of proper observances, • आचार्य के गुणों का स्तवन करना,prayer of Aacharya's guru, • आइरिआ आयार-गुण-जुता ते
संघाहिवई तेसुं मणोसुद्धि जुत्त-सद्दहणं । आचार्य-सूत्रम्, आइरिअसुत्तं, नपुं० आचायर्स के
विचार, thought of Aacharya. आचार्याराधना, आइरिआराहणा, स्त्री० आचार्य का
सम्मान, • आचार्य के प्रति श्रद्धा, respect
of Aacharya. आचालित, आचालिअ, वि० उत्सुक, गतिशील,
अग्रसर, going full. आचालित-चितम्, आचालिअ-चितं, नपुं०
चलायमान चित, • चंचल मन, fickle
mind. आचितः, आचिओ, पुं० एक छकड़े का बोझ, 25 मन
atst, weight of one cart, weight of
twentyfive man. आचित, आचिअ, वि० इकट्ठा किया हुआ, फैला हुआ,
• ढका हुआ, collected, accumulated,
throwed, covered. आचीर्णः, आचिण्णो, पुं० अभिहत, ग्रहण योग्य, to
be take. आचेलक्य, अच्वेलक्क/आचेलक्क, वि० निर्ग्रन्थपना,
दिगम्बरत्व, परिग्रहत्याग युक्त, without any thing,clothless, • परिग्रहत्याग युक्त, any all thing, • वत्थाजिण-वक्केण, य अहवा पत्ताइणा असंवरणं। णिब्भूसणं णिग्गंथं अच्वेलक्कं जगदि पुज्ज।। (मू० 1/30),. सयल-गंथ-च्चागो त्ति अच्चेलक्को। • चेलो त्ति वत्थं। सव्वेसिं चेलाणं वत्थाणं अभावो, given up all king things and cloth, •णो विज्जए चेलाणि वत्थाणि जस्सस आचेलो तस्स भावो त्ति आचेलक्को णिग्गंथतो विगअ सव्वपरिग्राहतो।
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