Book Title: Sanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 01
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

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Page 507
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कृत-प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश 493 sage Saradvan. He was called as krpacharya. कृपण - किवण (वि०) (त्रि०) कृपापात्र, दयनीय; pitiable, miserable. - म् - किवणं (क्रिवि०) दीनता के साथ;pitiably. कृपा - किवा (स्त्री०) दया, करुणा, कारुण्य, सहानुभूति; pity, compassion (a sentiment). कृपाण - किवाण (पुंन०) तलवार; sword. कृपाणि - किवाणि (स्त्री०) कैंची, तलवार; ___ _scissors, sword. कृपालु-किवालु (वि०) (त्रि०) दयालु;merciful. कृपी - किवी (स्त्री०) शरद्वान् की पुत्री और कृपाचार्य की बहिन। द्रोणचार्य की पत्नी व अश्वत्थामा की माता; a daughter of Saradvat (van) and sister of Krpa, wife of Drona and mother of Asvattha man. कृपीट - किवीडं (न०) जल, कुक्षि, उदर; water, side, belly. कृपीटयोनि - किवीडओणि (पुं०) अग्नि; fire (as source of waters). कृमि - किमि [Vक्रम्] (पुं०) कीड़ा, क्षुद्रजन्तु; ___worm, insect. कृमिदूषित - किमिदृसिअ (वि०) (त्रि०) कीड़े पड़ने या लगने से खराब हुआ; useless due to being infected by the worms or insects. कृमिनाशक-किमिणासग (वि०) (वि०) ऐसी दवा जो कीड़े नष्ट करनेवाली हो;apesticide. कृमिकर्ण - किमिकण्णो (पुं०) कान का कीड़ा; ___worm in the ear. कृमिकोश - किमिकोसो (पुं०) रेशम का कीड़े का खोल; cocoon of a silk-worm. कृमिला - किमिला (वि०) (त्रि०) फलती-फूलती स्त्री; fruitful woman. Vकृश् - किस ['तनूकरणे' कृश्यति] दुबला, हो JHT; to grow lean, wane. कृश - किस (क्रशीयस्, क्रशिष्ठ) (वि०) (त्रि०) दुबला पजला, निर्बल गौण, तत्त्वहीन, बीमार; lean, thin, weak, unimportant, ill. कृशरा - किसरा 'कृसर'. thin woak कृशाकु - किसागु (1) (पुं०) कपि, वह्नि, सूर्य ; monkey, fire, sun. (2) (वि०) (त्रि०) दूसरों को सताने वाला; afflicting others, कृशाश्व - किसस्सो (पुं०) एक आचार्य जिन्होंने सर्वप्रथम जृम्भक अस्त्र पाए; an acharya first author of the Jrmbhak missles. कृशाश्चिन् - किसचि (कृशाश्वेन प्रोक्तमधीते) (पुं०) नट;actor. कृष् - कस्स ["विलेखने', कर्षति, -ते, कृष्ट, कर्षयति] खींचना, घसीटना, खूड़ निकालना, खोदना, हल चलाना, आकृष्ट करना, पीड़ा देना चढ़ाना (धनुष्) वश में कर लेना, प्राप्त करना, अर्जन करना, ('कर्षन्ति च महद्यशः',मनु. III . 66) छीनना; to draw, drag, draw furrows, plough, attract, bend (bow), overpower, obtain, earn, snatch. कृषक - किसगो (पुं०) किसान; fermer. कृषि - किसि (स्त्री०) हल बाहना खेती; ploughing, agriculture. प्रथम तीर्थकर ने इसकी सबसे पहले शिक्षा दी. कृषिकर्म - किसिकम्म ( न०) काश्तकारी: hinchandry कृषिकारक - किसिकारगो (पुं०) =कृषक। कृषिवर्ष - किसिवासं (न०) वह वर्ष जो कृषि की उन्नति संबंधी कार्यों के लिए निश्चित होता है; an agricultural year. कृषीवल - किसीबलो (कृषि-) (पुं०) खेतिहर, किसान; husbandman. कृष्ट - किट्ठ (वि०) (त्रि०) खींचा, जुता, हल चलाया; ___drawn, furrowed, ploughed. कृष्टपच्य - किट्ठपच्च (कृष्टे स्वयमेव पच्यन्ते इति) (वि०) (त्रि०) खेत में डालने पर अनायास पक जानेवाला (नाज); ripend in the field without labour. कृष्टि - किट्टि [Vकृष्+ ति] (स्त्री०) खेती, फसल, कर्षण, खेती करना, जोतना; ploughing harvest, attacting to plough. For Private and Personal Use Only

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