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अध्ययन का प्रारम्भ-४५
और मोक्ष, यह छह गुण हो वह भगवान् कहलाता है । जिस व्यक्ति मे उपर्युक्त छह गुण हो वह भगवान् कहलाता है । भगवान् महावीर मे यह सब गुण विद्यमान थे, इसी कारण उन्हे भगवान् कहते है । ऐसे भगवान् की वाणी अपनी आत्मा का कितना उपकार करने वाली है, इस बात का विचार करो और यह वचन सुनकर आत्मा को जागृत करो, प्रेरित करो और बलवान् बनाओ । ऐसा अवसर बार-बार मिलना कठिन है ।
'भज कलदार भज कलदार भज कलदारं मूढमते ! '
अर्थात् आजकल कल्दार ( रुपया ) का बल माना जाता है, परन्तु कल्दार के बल मे क्या दुख समाया हुआ नही है ? मान लीजिए, आपके जेब मे पचास हजार के नोट है । आप इन नोटो के बल पर अपने को सशक्त मानते है । आपके इन नोटो का पता किसी दूसरे को चल गया । उसने विचार किया - पाप किये बिना तो पैसा आता नही है, फिर इस नोट वाले को मार कर उसके नोट क्यो न ले लूँ ? दूसरे मनुष्य ने इस प्रकार विचार किया । उसी समय तीसरा मनुष्य आता है और दूसरे से कहता है- अगर तुझे पैसे की आवश्यकता है तो और कोई उद्योग कर । पैसे छीनने के लिए उसे मारने का विचार मत कर ।' अब आपको इन दोनो मे से कौन मनुष्य भला मालूम होगा ? जो तुम्हे मार कर पैसा छीन लेना चाहता है, वह तुम्हे अच्छा लगेगा या तुम्हे न मारने के लिए कहने वाला और पैसे के लिए अन्य उद्योग करने का उपदेश देने वाला अच्छा लगेगा ? तुम्हें मारने की नाही करने वाला ही अच्छा लगेगा । मार कर नोट छीनने का विचार करने वाला बुरा लगेगा । यह ठीक