Book Title: Pratikraman Sutra Sachitra
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 23
________________ TETET ucation drumstonal सीयल सिज्जस वासुपूज् लोगस्स उज्जोअगरे धम्मतित्थयरे सुविहिं च पुप्फदंत विमल मणतं च जिणं M संभव धम्मं संतिं च वंदामि उसभ जिणं च चंदप्पहं पउमप्पहं एवं नए अभिथुआ वियरयमला पहीणजरमरणा कित्तिय-वंदिय-महिया जे ए लोगस्स उत्तमा सिद्धा बंदेसु निम्मलयस आइच्येत्तु अहिय पयासवरा । जिणे मजिअ च वंदे अरिहंते कित्तइस्स चवीस पि केवली ॥ वंदे ॥ कुंथुं सुपासं मभिणंदणं च सुमई च । Private & Perse अरं च मल्लि वंदे मुणिसुव्वयं नमिजिणं च । वंदामि रिि पासं तह वद्धमाणं शुभ च ॥ चउवीस पि जिणवरा तित्थयरा मे पसीयतु । आरुग्ग-बोहिलाभं समाहिवरमत्तमं दित ॥ सागरवरगंभीरा सिद्धा सिद्धि मम दिसंतु । aaaaaa Tegitogpals www.jairelib P

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