Book Title: Pratikraman Sutra Sachitra
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust
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पयावणे
वही
अइभारे
छविच्छेए
भित्तपाणवुच्छेए
पयणे
छक्कायसमारंभे पढमे अणुव्वयम्मि बीए अणुव्वयम्मि
कूटसाक्षी
न्यासापहार
कन्या-गौ-भूम्यलिक
तइए अणुव्वयम्मि
तेना हड-प्पओगे
मोसुवएसे
कूडलेहे
सहसा-रहस्सदारे
कूडतुल कूडमाणे
CHAचउत्थे अणुव्वयम्मि.
तिव्व-अणुरागे
अपरिग्गहिआअणंग।
विवाह
इत्तर
इत्ती अणुव्वएपंचमम्मि
धन्न ।
रुप्प-सुवन्ने
दुपए चउप्पयम्मी य
वत्थु
अकुविअपरिमाणे
धण
खित्त
Panip-fieleriana
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