Book Title: Pratikraman Sutra Sachitra
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust
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तं पि हु सपडिक्कमणं
चिरसंचिय पाव-पणासणीइ, भवसयसहस्समहणीओ
चउव्वीसजिणविणिग्गयकहाइ
मममंगलमरिहता
सुअ च धम्मो अ
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सिद्धा
'दितु' समाहिं च
बोहिं च
वोलंतु मे दिअहा
साहू
•सम्मदिट्ठी देवा
देव.
मनुष्य
Only
नरक
'पृथ्वी
जहा विसं कुम्माय
एवं अनुविहं कम्म
खामेमि सनजीव तिर्यंच
अप
तिर्यंच
• विकलेन्द्रिय
'तर'
वनस्पति
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