Book Title: Prakrit Bhasha Vimarsh Author(s): Nathuram Premi Publisher: B L Institute of Indology View full book textPage 9
________________ प्राकृत भाषा विमर्श विषय-सूची १. पृष्ठभूमि २. प्राकृत भाषा क्या है ? अर्थ एवं महत्त्व प्राकृत का लोकभाषा/जनभाषा-स्वरूप प्राकृत भाषा का माधुर्य प्राकृत की सार्वभौमिकता एवं विविध विषयों का प्रतिपादन प्राकृत भाषा के मूल दो भेद ७. प्रथम स्तरीय प्राकृत द्वितीय स्तरीय प्राकृत भाषा - १. प्रथम युगीन, २. मध्य युगीन प्राकृतें, ३. उत्तर अर्वाचीन युग का अपभ्रंश युग . ९.. प्राकृत शिलालेखों में जनभाषा का स्वरूप निदर्शन १०. वैदिक (छान्दस) भाषा और प्राकृत ११. छान्दस से प्राकृत भाषा का विकास १२. छान्दस भाषा में प्राकृत भाषा के तत्त्व १३. प्राकृत को सम्मान प्रदान करने वाले महापुरुष एवं कवि १४. वर्तमान भाषाओं / लोक-भाषाओं का मूल-उद्गम १५. संस्कृत और प्राकृत भाषा १६. संस्कृत का विकृत रूप नहीं है, जनभाषा प्राकृत १७. प्राकृत की उत्पत्ति सम्बन्धी भ्रम निवारण १८. साहित्यिक प्राकृतों का आदर्श स्तर . १९. महाभाषायें और विभाषायें viii Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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