Book Title: Prachin evam Madhyakalin Malva me Jain Dharm Ek Adhyayan
Author(s): Tejsinh Gaud
Publisher: Rajendrasuri Jain Granthmala
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अध्याय - 6 : मालवा में जैनतीर्थ
जैन धर्म में तीर्थों के भेद। जैनतीर्थ - उज्जैन, विदिशा, दशपुर, मांडवगढ़, धार, बावनगजा बड़वानी, ऊन, धमनार, बही पारसनाथ, घसोई, गंधावल, लक्ष्मणी, तालनपुर चन्देरी, बजरंगगढ़, तूमैन, भोपावर, बिबड़ौद, सांगोदिया, सेमलिया, सिद्धवरकूट, मक्सी पार्श्वनाथ, परासली, अमझेरा, तारापुर, बनेड़िया, मल्हारगढ़, रतलाम, धोवनजी, गुरिलागिर, भीमादांत, तेरही, आमनचार, मोहनखेड़ा।
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अध्याय - 7:: जैन वाङ्मय - जैन साहित्य का भाषा विज्ञान के दृष्टिकोण से महत्त्व।
आगमिक एवं दार्शनिक साहित्य। कथा साहित्य। काव्य और महाकाव्य। स्तोत्र साहित्य। अलंकार व्याकरण साहित्य। अन्य साहित्य।
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अध्याय - 8: जैन शाख भण्डार
शास्त्र भण्डारों की स्थापना। जैन मंदिर ज्ञानपीठ के रूप में। ग्रन्थो की प्रतिलिपि करना। - ग्रन्थों को रखने का स्थान व ढंग। ...मालवा के शास्त्र भण्डार।
अध्याय - 9 :: मालवा के प्रमुख जैनाचार्य
अध्याय - 10 :: जैनधर्म को मालवा की देन
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