Book Title: Prachin evam Madhyakalin Malva me Jain Dharm Ek Adhyayan
Author(s): Tejsinh Gaud
Publisher: Rajendrasuri Jain Granthmala
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अनुचित प्रतीत होता है। उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर इतना कहा जा सकता है कि यह तीर्थ 10वीं 11वीं शताब्दी का हो सकता है।
(13) तालनपुर : दोहद रेलवे स्टेशन से 73 मील और कुक्षी से 214 मील की दूरी पर तालनपुर नामक एक प्राचीन जैनतीर्थ है। इसका प्राचीन नाम तुगियापतन या तारणपुर है। सोलहवीं सदी के प्रारम्भ में यहां समस्त आबादी थी और यहीं पर श्री परम देवार्य ने चातुर्मास किया था तथा श्री महावीर जिनश्राद्ध कुलक नामक ग्रंथ की रचना की थी। इस ग्रंथ की प्रशस्ति में इस प्रकार उल्लेख मिलता है:
"संवत् 1528 वर्ष आश्विन सिते 5 तिथा तुंगियापत्तने लिखितमिदं श्रीमहावीर जिनश्राद्ध कुलक परमदेवार्य स्वपरपठननार्थम।
संवत् 1916 में यहां 25 जैन प्रतिमाएं निकली। संवत् 1950 में कुक्षी में जैनसंघ ने एक मंदिर बनवाया था। उसी में जैन मूर्तियां प्राप्त हुई। इन प्रतिमाओं पर कोई लेख नहीं है किन्तु निर्माण शैली के आधार पर ये प्रतिमाएं विक्रम की छठी सातवीं शताब्दी की प्रतीत होती है। मूलनायक श्री गोड़ी पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा पर इस प्रकार का लेख है।
."स्वस्ति श्री पार्श्वनाथ जिनप्रसादात संवत् 1022 वर्षा मासे फाल्गुने सुदि पक्षे 5 गुरुवारे श्रीमान् श्रेष्ठिसुराज राज्ये प्रतिष्ठतं श्री बप्पभट्ठिसूरिभिः तुंगियापत्तने।"
दूसरा मंदिर आदिनाथ का है। मूलनायक के दाहिनी ओर चौथी प्रतिमा के आसन पर एक लेख है जो इस प्रकार है:
संवत् 612 वर्ष शुभचैत्रमासे शुक्लं च पंचम्यां तिथौ भौमवासरे श्रीमंडपदुर्गे मध्यभागे तारापुर स्थित पार्श्वनाथ प्रसादे गगनचुम्बी (बि) शिखरे श्री चन्द्रप्रभ बिबस्य प्रतिष्ठा कार्या प्रतिष्ठाकर्ता च धनकुंवर शा. चन्द्रसिंहस्य भार्या जमुना पुत्र श्रेयोर्थ प्र. जगच्वंद्रसूरिभिः।।"
इस लेख में संवत् 612 विचारणीय है, क्योंकि उस समय मांडवगढ़ के अस्तित्व का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं था, उपलब्ध प्रमाणों से तो “संवत् 671' में महाराजा वाक्पतिराज के पुत्र वैरीसिंह की अधीनता में मांडवगढ़ होना प्रमाणित हआ है, इसके पहले के प्रमाण अभी नहीं मिले हैं। 35
____ अतः यहां शायद "संवत् 1612" संभवित दिखता है। इस जमाने में मांडवगढ़ में महमूद खिलजी के दीवान चांदाशाह का उल्लेख इतिहास में मिलता है। संभव है कि इस लेख में धनकुबेर के विशेषण से उल्लिखित शा. चन्द्रसिंह शायद ये ही चांदाशाह हो। 38 .
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1991
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