Book Title: Prachin evam Madhyakalin Malva me Jain Dharm Ek Adhyayan
Author(s): Tejsinh Gaud
Publisher: Rajendrasuri Jain Granthmala
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रक्त कमलासन पर आसीन पद्मप्रभ का अंकन यहां की कुछ ही प्रतिमाओं पर मिलता है। सुपार्श्वनाथ की प्रतिमा के नीचे स्वस्तिक चिह स्पष्टतः सुपार्श्वनाथ तीर्थंकर का सूचक है। मूर्ति क्रमांक 165 में पद्मासन मुद्रा में ध्यानस्थ अंकन है, बदनावर से प्राप्त काले पालिशदार स्तर पर 1 फीट 5 इंच ऊंचे व 7 इंच चौड़े प्रस्तर फलक पर यह स्वतंत्र प्रतिमा है। नीचे मूर्ति लेख इस प्रकार है:
"संवत् 1222 फाल्गुन सुदि 5 पोरवालान्वय स.... गागा सुतसा बुनना तस्य सुत लीमदेव सीमदेव इति।" स्वस्तिक चिह अंत में।
बाईसवें तीर्थंकर नेमिनाथ की पूर्ण प्रतिमा एक ही है। यह जामनेर से लाई हुई है। चिह शंख स्पष्ट है। चौकी पर गोमेध यक्ष व अम्बिका यक्षिणी गोद में बालक लिए है। प्रभामण्डल में महावेणु वृक्ष की लताएं हैं। मूर्ति क्रमांक 7 खड्गासन में अंकित है। ऊपर वीणा लिये किन्नर, अनुचर स्तम्भों में कमलाकृति, प्रतिमा गुना से प्राप्त है व काल 13वीं शताब्दी। यक्ष, यक्षिणी व चंवरधारी स्पष्ट है। क्रमांक 45 की मूर्ति काले पत्थर से निर्मित इस पार्श्वनाथ प्रतिमा के पाद स्थल पर यह अभिलेख है, औं ही अदअसी अवुस हयां नमोः। श्री सेननपाथ आयार्येन देया सुतस्य भार्या करमदेवा श्री नंदी समादेदियन दीसना वीरा दिनाय पीलाचार्यन्वय पद्मप्रभुदेव प्रणमति संवत् 1160 वैषाख सुदी 9 स्थितिकेन। कुछ भग्न प्रतिमाओं पर संवत् 1220 व 1308 का अस्पष्ट अभिलेख भी है। बजरंगगढ़ से प्राप्त एक प्रतिमा पर संवत् 1215 का अभिलेख है।
मूर्ति क्रमांक 110 अन्य जैन शासन देवी चतुर्हस्ता रूप में अश्वासीन है। शीर्ष भांग पर पद्मासन में तीर्थंकर है जिनकी पुष्पहार से दो युगल आराधना कर रहे हैं, बाई ओर वीणाधारी ललितासना अन्य देवी है व दाहिनी ओर जैन देवी है, नीचे दो आराधक है। देवी का जटा-मुकुट व अलंकरण विशेष कलात्मक है। काले पत्थर की बदनावर से प्राप्त इस प्रतिमा के नीचे सं.1229 का एक मूर्तिलेख
बदनावर की शासन देवियां नामसहित अंकित प्राप्त है। इस प्रतिमा फलक में 6 शासन देवियां हैं नीचे उनके नाम वारिदेवी, सिमिदेवी, उमादेवी, सुवयदेवी, वर्षादेवी व सवार्हदेवी लिपि परमारकालीन है। कुछ और भी प्रतिमाएं है जिन पर संवत् 1296, 1222, 1308, 1209, 1220, 1231, 1190 तथा 1223 के अभिलेख हैं जो इनको परमारकालीन सिद्ध करती है।
मूर्ति क्रमांक 16 तीर्थंकर व देवी भग्न आकार 1 फीट 3112 इंच ऊंची व 1 फीट 1 इंच चौड़ी का शरीर गतिशीलता प्रदर्शित करता है व नीचे का लेख संवत् 1308 का है।
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