Book Title: Prachin evam Madhyakalin Malva me Jain Dharm Ek Adhyayan
Author(s): Tejsinh Gaud
Publisher: Rajendrasuri Jain Granthmala

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Page 99
________________ नीले और सुनहरे रंगों का उपयोग होता था। मानव आकृतियां भी सुन्दर आकर्षक रंग से चित्रित की जाती थी। इस चित्रकला पर पश्चिमी भारत की जैन चित्रकला का प्रभाव था। मांडू में जैन हस्तलिखित ग्रन्थों में कल्पसूत्र विशेष रूप से चित्रित किये गये हैं। ऐसा ही एक कल्पसूत्र ग्रंथ जिसकी पांडुलिपि और चित्रण मांडू में सन् 1498 में हुआ था, उपलब्ध है। यह मांडू कल्पसूत्र के नाम से प्रसिद्ध है। इस ग्रंथ में अक्षर लाल पृष्ठभूमि में सुनहरे रंग से लिखे गये हैं। बैल-बूटों व फूल-पत्तियों के अलंकरण की पट्टियों से इस ग्रंथ के प्रत्यके पृष्ठ के दो भाग खड़े रूप में कर दिये गये हैं। दाहिने भाग में ग्रंथ से सम्बन्धित चित्र अंकित किये गये हैं और बांये भाग में ग्रंथ के अक्षर गद्य पद्य से लिखे गये हैं। ग्रंथ में वर्णित जैन बातों को समझाने के लिये ये चित्र अंकित किए गए हैं। मनुष्यों, पशु-पक्षियों और देवीदेवताओं के विभिन्न चित्र बनाएं गए हैं। राजप्रसाद या राजभवन के आकार का अंकन, राजपुरुषों और राजमहिषियों की बैठी हुई आकृतियां, एक-दूसरे को काटते हुए वृत्तों से वक्षस्थल का चित्रण, अश्व के चित्रण में मेहराबसी झुकी हुई गर्दन और अनुपात से छोटा सिर, ये तत्त्व जैन ग्रन्थों की चित्रकला की विशेषताएं हैं। पुस्तक के चित्रण में लाल, नीले और सुनहरे रंग का बाहुल्य है। परन्तु इस चित्रण में ग्राम्यजीवन या लोकजीवन की झांकी नहीं है। . संदर्भ सूची 1 जयाजीप्रताप, 12 नवम्बर, 1949 |11 वही, पृष्ठ 162 2 Jainism in Rajasthan, Page 110 12 Bibliography of Madhya Bharat, - 3 भारतीय संस्कृति में जैनधर्म का योगदान, Part-I, Page 11 पृ.310-11 | 13 Ibid, Page 162 4 साप्ताहिक हिन्दुस्तान, 30 मार्च 69,14 Vol. XI, Page 283 प्रो.के.डी.वाजपेयी का लेख |15 The Cultural Heritage of Madhya 5 टाड्स राजस्थान कुक, पृ.1773. I. Bharat, Page 53 6 Bibliography of Madhya Bharat, 16 अनेकांत, वर्ष 17, किरण 3. पृष्ठ 99 ___Part-I, Page 11 17 The Cultural Heritage of Madhya 7 History of Indian and Eastern Bharat, Page 61 ___ Architecture, Vol.2, Page 165 18 मध्यभारत संदेश, 3 अप्रैल 1954, पृष्ठ 8 Report of the Archaeological] 9 a 10 Survey of India, Vol.2, P.275 19 The Cultural Heritage of Madhya 9 दशपुर जनपद संस्कृति, पृ.45 | Bharat, Page 107 10 टाड्स राजस्थान जिल्द 2, पृ. 1070-71/20 Progress Report of Archaeo18611 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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