Book Title: Parvatithi Kshay Vruddhi Prashnottar Vichar tatha Muhpatti Bandhan Nibandh Author(s): Hemchandrasuri Acharya Publisher: Chinubhai Trikamlal Saraf View full book textPage 9
________________ शेठ पन्नालालजीना सुपुत्र शेठ देवीचन्दजो पण पोताना पिताजीने पगले चाली लक्ष्मीनो सद्व्यय करी रया छे. तेओ तखतगढना श्री संघमां आगेवान छे. सुगत्र दान, पूजा, सामायिक अने प्रतिक्रमणादि धार्मिक कार्यों निरन्तर करे छे. देवगुरु अने धर्म ए तत्वत्रयी प्रत्ये अविहड श्रद्धालु छे. बेंगलोरमां तेमनी दुकान सुप्रसिद्ध छे, अने बेंगलोरना श्री संघमां पण सारी प्रतिष्टा धरावे छे. शेठ देवीचंदजीने सरदारमल, रुपचन्द, चन्दनमळ, मोहनलाल ए चार सुपुत्रो छे, अने चंशलाल, झवेरचन्द, उत्तमचन्द ए त्रण सरदारमलना पुत्रो छे. बेटा पेला पन्नाजी धीराजी ओसवाल अने जडावबेन नामे पुत्री छे. भाई सरदारमल अने मोहनलाल उगती वयना होवा छतां पोताना वडिलो पेठे धार्मिक संस्कारवाला छे. आपणे आशा राखीए के शेठ देवीचंदजी तथा तेमना चारे सुपुत्रो पोताना वडवा. ओने पगले चालो जैन शाशननी प्रभावना विशेष करे. शेठ श्री देवीचन्दजीए आ वर्तमानकालमा अति उपयोगी 'पुस्तक छपाववामां रुपिया ३२७ नी मदद करी पोतानी ज्ञान भक्ति पदर्शित करी छे. ते बदल तेमने धन्यवाद घटे छे अने -बीजा सद्गृहस्थोने तेमनुं अनुकरण करी मळेली लक्ष्मीनो • सद्व्यय करवा सूचवीए छीए. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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