Book Title: Parvatithi Kshay Vruddhi Prashnottar Vichar tatha Muhpatti Bandhan Nibandh
Author(s): Hemchandrasuri Acharya
Publisher: Chinubhai Trikamlal Saraf
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दिगंबरोना एकांत आग्रहनुं परिणाम
दिगंबरोए अचेलकपणु-नग्नपणाने एकांत आग्रहथी पकडी राख्युं तेनुं परिणाम ए आव्यु के
(१) स्त्री नग्न रही शके नहि तेथी स्त्रीने चारित्र अने मोक्ष होई शके नहि एम दिगंबरोने जाहेर करवू पडयुं.
(२) वस्त्र विना पात्रो लई जई शकाय नहि तेथी पात्र राखवानी बंधी करवी पडी.
(३) पात्रो विना आहार लवी शकाय नहि अने आहार लाव्या विना तीर्थंकर भगवान आहार करी शके नहि तेथी केवळी भगवानने आहार होय नहि एम जाहेर करवू पडयु.
(४) नग्नवादनां कारणे उपर प्रमाणे स्त्रीमुक्ति, केवळी भुक्तिनो निषेध कर्यो. ते उपरांत गृहस्थलिंगमुक्ति, अन्यलिंग मुक्ति विगेरे अनेक बाबतोनो दिगंबरोने निषेध करवो पड्यो छे.
आ तेमना निषेधो तेमना ज (दिगंबरोनां) शास्त्र ग्रंथोथी विरुद्ध जाय छे. तेनी केटलीक विगत 'जैन परंपरानो इतिहास' नामना पुस्तकमां पाना ३१९ थी ३२५मां आपी छे. तथा उ. श्री यशोविजयजीना ग्रन्थोमां तथा श्री आत्मारामजीना 'तत्त्वनिर्णयप्रासादं पुस्तकमां आपी छे. ते स्थळ संकोचने लीधे अहिं आपी शकाई नथी, तो जिज्ञासुए त्यांथी जोई लेवी.
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