Book Title: Parvatithi Kshay Vruddhi Prashnottar Vichar tatha Muhpatti Bandhan Nibandh
Author(s): Hemchandrasuri Acharya
Publisher: Chinubhai Trikamlal Saraf

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Page 51
________________ आचार्योए पोतपोतानी कल्पना अनुसार नवी नवी मान्यताओ प्रवर्तावी. (३) ब्राह्मणोनुं समाजमां वर्चस्व थतु जोईने दिगंबरोए ब्राह्मणना घणा आचारविचारोनुं अनुकरण कयु. अने ए खोटी मान्यताओ प्रवर्तावती वखते दिगम्बरो तेमना ज पूर्वाचार्योए बनावेला शास्त्रोमां शी शी प्ररुपणा करी छे. ते जोवान विचारवान ज भूली गया, अटले दिगम्बरोनी घणी खरी मान्यताओ तेमनाज शास्त्रोना विधाननी विरुद्ध जाय छे. दिगम्बरोना जेवी श्वेतांबरो उपर ब्राह्मणोनां आचारविचारनी असर थई नथी कारण के श्वतांबरो मूळ जैन सिद्धांतने चीवटपणे वळगी रह्या हता. दिगम्बरोनी मान्यताओ तेमना ज शास्त्रोनी विरुद्ध छे ते मुनिश्री दर्शनविजयजीओ तेमनां 'श्वेतांबर दिगम्बर' नामना पुस्तकमां दिगम्बर शास्त्रोना अनेक उल्लेखो आपीने बतावी आप्यु छे, जिज्ञासु जैनोए ए पुस्तक जरुर वांची जवु. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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