Book Title: Parvatithi Kshay Vruddhi Prashnottar Vichar tatha Muhpatti Bandhan Nibandh
Author(s): Hemchandrasuri Acharya
Publisher: Chinubhai Trikamlal Saraf

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Page 53
________________ [२] मुहपत्तिपन्धन बचवा तेमज शास्त्र के आगम पर थूक ऊडीने आशातना न थाय ते माटेज मुख पर मुहपत्ति बांधवानुं गोतार्थकथन छे. फक्त आपणामांज आयु कथन छे एटलुंज नहि परन्तु पारसीओ, मुस्लीमो, वैष्णवो पण पवित्र पुस्तक वाचन वखते रुमाल, कपडु के लाकडांनी पट्टी मुख आगळ राखे छे, जे आपणी गीतार्थ परंपरागत हकीकतनुज विशेष समर्थन करे छे. आगममायरंतेगं अत्तगो हियकंखिणो । तित्यनाहो गुरुधम्मो सने ते बहमनिया ॥ __ आत्महितनी इच्छावाळाए आगमनो आदर करता तीर्थकर भगवान् . गुरु अने धर्म ए बधानो आदर कों गणाय. -संबोधसप्ततिका . धर्मशास्त्र वांबतो वखते मोढा उपर मुहपत्ति अथवा कपडु बांधवानी प्रथा जैन तथा जैनेतर धर्ममा घणा काळथी प्रचलित छे. मुसलमानो कुरान वांचती वखते मोढा पर रुमाल बांधे छे. पारसीओमां मंत्रोच्चार करती वखते मोढा पर कपडु बांधवानो रिवाज छ, सांख्यमतवाळा जीवदया निमित्त मोढा आगळ लाकडानी मुहपत्ति बांधे छे. वैष्णवो भागवत वांचती वखते मोढा पर कपडु बांधे छे, आ तो जैनेतर दशननी वात थई, परन्तु जैनदर्शनमा तो धर्मदेशना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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