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सूत्र अने ग्रन्थना प्रमाणयुक्त पर्वतिथिक्षयवृद्धिप्रश्नोत्तरविचार
प्रश्न १-जैनागममा तिथिनी उत्पत्ति कोनाथी मानेल छे अने तेनु प्रमाण केटलं ?
उत्तर-सूर्यप्रज्ञप्ति उपांगसूत्रटीका अने च्योतिषकरंडक पयन्नासूत्रनी अंदर तिथिनी उत्पत्ति चंद्रथी कहेल छ अने तेनुं प्रमाण ५९ घडी अने एक मुहूर्तना ३१ भाग जेटलुं ज उत्कृष्ट तिथिर्नु प्रमाण कहेल छे, तेथी एक तिथि बे सूर्योदयने स्पर्शी शकती नथी एटलेज जैनो तिथिनी वृद्धि मानता नथी. जुओ सूर्यप्रज्ञप्तिटीका, पत्र १४९.
अहोरात्रस्य द्वाषष्टिभागमविभक्तस्य ये एकःषष्टिभागास्तावत्प्रमाणाः तिथिरिति, अथाहोरात्रस्त्रिंशन्मुहूर्तपमाणः सुप्रतीतः। तिथिस्तु किं मुहूर्तप्रमाणेति ? उच्यते, परिपूर्णा एकोनत्रिंशन्मुहूर्ता एकस्य च मुहूर्तस्य द्वात्रिंशत् द्वापष्टिभागाः।
अर्थ-एक अहोरात्रिना बासठ भाग करीए, तेमांधी एकसठ भाग जेटली तिथि होय छे अने अहोरात्र तो त्रीश मुहूर्त प्रमाण छे परंतु तिथिन प्रमाण केटलुं १ तिथि- प्रमाण संपूर्ण २९ मुहूर्त अने एक मुहूर्तना बासठीया बत्रीश भाग उपर जाणवा.
जुओ ज्यतिषकरंडक सूत्रनो पाठ पत्र ६२.
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