Book Title: Padmavati
Author(s): Mohanlal Sharma
Publisher: Madhyapradesh Hingi Granth Academy

View full book text
Previous | Next

Page 39
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पद्मावती की संस्थापना : २१ बहिननाग : सिक्कों पर बहिननाग का नाम भी मिला है इसका शासन काल लगभग २५० ई० से २६० ई० तक अर्थात् १० वर्ष अथवा इससे कम होगा । चरनाग : चरजनाग ने अपेक्षाकृत अधिक समय तक शासन किया बताया जाता है । ई० सन् लगभग २६० से २९० तक का शासन चरजनाग का रहा । चरजनाग के सिक्के प्राप्त हैं । इसका शासनकाल ३० वर्ष के लगभग रहा । क्रम ३.८ पद्मावती शाखा पद्मावती में जो नाग शासक हुए, जिनकी जानकारी सिक्कों के द्वारा भी समर्थित होती है, उनकी सूची सिक्कों पर अंकित लांछन और विरुद सहित इस प्रकार है : लांछन विरुद १. २. ३. ४. ५. ६. ७. ८. नाम वृषनाग व्याघ्र विभु वसु ख नाग ब नाग वीरसेन स्कन्द भीमनाग www.kobatirth.org बृहस्पति सम्मुखनंदी चक्र वामनंदी अंकुश परशु आठ आरेदार चक्र मयूर दक्षिणनंदी वा० नंदी त्रिशूल परशु मयूर द० नंदी वा० नंदी अश्व मयूर नंदी द० नंदी वा० नंदी त्रिशूल परशु मयूर चक्र Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only महाराज श्री वृषनाग महाराज श्री व्याघ्र -; महाराज श्री विभुनागस्य श्री बसुनागस्य वसु नागेन्द्र महाराज बसुनाग महाराज श्री वीरसेनस्य महाराज महाराज श्री महाराज बृहस्पति नाग

Loading...

Page Navigation
1 ... 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147