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३८ : पद्मावती
विशाल मन्दिर, महल, मठ, स्तूप तथा अन्य इमारतों का निर्माण हुआ। धर्म, कला-कौशल तथा व्यापार के ये प्रधान केन्द्र हुए। नाग-शासन का अन्त होने के बाद मथुरा को राजनैतिक केन्द्र होने का गौरव फिर कभी न प्राप्त हो सका।
यह बात तो स्पष्ट है कि नागों के शासन का सदैव के लिए अन्त हो गया, किन्तु नागों के द्वारा प्रचलित कला, शासन-प्रणाली और धर्मोपासना अपनी अमिट छाप छोड़ गयीं, जो शताब्दियों तक कालकवलित न हो पायीं, और पद्मावती में आज भी अपनी कीर्तिपताका फहरा रही हैं।
१. कृष्णदत्त वाजपेयी-मथुरा, पृष्ठ २०
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