Book Title: Ovavaiya Suttam Author(s): N G Suru Publisher: N G Suru View full book textPage 9
________________ Sut. 9-] औपपातिकसूत्रम् अज्जुणेहिं णीवहिं कुडएहिं कैलंबेहिं सव्वेहिं फणसेहि दोलिमेहिं सालेहिं तालेहिं तमालेहिं पियएहिं पियंगूहिं पुरोवगेहिं रायरुक्खेहिं णांदरुक्खेहिं सवओ समंता संपरिक्खित्ते।। SUTRA 7. ते णं तिलया लउया जाव णंदिरुक्खा कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूला मूलमंतो कंदमंतो एएसिं वण्णओ भाणि- 5 यव्वो जाव सिवियपरिमोयणा सुरम्मा पासादीया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा ॥ SUTRA 8. ते णं लिया जाव णंदिरुक्खा अण्णेहिं बहूहिं पउमलयाहिं णागलयाहिं असोअलयाहिं चंपगलयाहिं चूयलयाहिं वणलयाहिं वासतियलयाहिं अइमुत्तयलयाहिं कुंदलयाहिं साम- 10 लयाहिं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ता ॥ ___SUTRA 9. ताओ णं पउमलयाओ णिच्चं कुसुमियाओ जाव वडिंसयधरीओ पासादीयाओ दरिसणिज्जाओ अभिरुवाओ पडिरूवाओ। [१ तस्स णं असोगवरपायवस्स उवरिं बहवे अठ 15 अह मंगलगा पण्णत्ता । तं जहाः-१ सोत्थिर्य २ सिरिवच्छ ३ नंदियावत्त ४ वद्धमाणग ५ भद्दासण ६ कलस ७ मच्छ ८ दप्पणा सव्वरयणामया अच्छा सहा मण्हाँ घटा मट्ठा नीरया निम्मला निप्पंका निकंकडच्छाया सप्पहा समिरिया सउज्जोया पासादीया दारसाणज्जा अभिरूवा 20 पडिरूवा॥ १ Only in L. २ A दाडिमहिं. ३ A 'धरी ४ 4 सोवत्थिय ५ Only in A. .Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 104