Book Title: Ovavaiya Suttam
Author(s): N G Suru
Publisher: N G Suru

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Page 22
________________ औपपातिकसूत्रम् [Sut. 7 SUTRA 26. तेसि णं भगवंताणं आयावायो वि विदिता भवंति परवाया वि विदिता भवंति आयावायं जमइत्ता नलवणमिव मत्तमावंगा अच्छिद्दपसिणवागरणा रयणकरंडगसमाणा कुत्तियावणभूया परवाइपमहणा [ परवाईहिं अणोकंता अण्णउत्थिएहिं अणो5 खंसिज्जमाणा विहरंत अप्पेगइया आयारधरा'........ ] चोदसपुव्वी दुवालसंगिणो समत्तगणिपिडगधरा सव्वक्खरसण्णिवाइणो सव्वभासाणुगामिणो अजिणा जिणसंकासा जिणा इव अवितहं वागरमाणां संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरंति ॥ SUTRA 27. 10 तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी बहवे अणगारा भगवंतो इरियासमिया भासासमिया एसणासमिया आयाणभंडमत्तनिक्खेवणासमिया उचारपासवणखेलसिंघाणजल्लपारिठावणियासमिया मणगुत्ता वयं गुत्ता कायगुत्ता गुत्ता गुत्तिदिया गुत्तबंभयारी अममा 15 अकिंचणा [अकोहा अमाणा अमाया अलोभा संता पसंता उवसंता परिणिव्वुया अणासवा अग्गंथा ] छिण्णग्गंथा छिण्णसोया निरुवलेवा कंसपाईव मुक्कतोया संख इव निरंगेणा जीवो विव अप्पडिहयगई जञ्चकणगं पिव जायरूवा आदरिसफैलगा इवे पागडभावा कुम्मो इवें 20 गुतिंदिया पुक्खरपत्तं व निरुवलेवा गगणमिव नि रालंबणा अणिलो इव निरालया 'चंदो इव सोमलेसा १ . Notes also आयावाइणो वि। २ B°वायमद्दणा. A परवादियपम- ३ Com.आयारधरत्येवंवादीनि षोडश विशेषणानि सगमानि । ४ Noted in L & Com. ५ । जिणो. ६L वागरेमाणा. ७ L वई.८ Noted in L and Com. ९B निरंजणा. १० B आदरसप्फ-११ विव १२ । कुम्मोव्व. १३ B पत्त इव. १४ A चंद.

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