Book Title: Ovavaiya Suttam
Author(s): N G Suru
Publisher: N G Suru
View full book text
________________
Sut 70-]
औपपातिकसूत्रम् SUTRA 69.
से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ-अत्थेगइया देवे सिया अत्थेगइया णो देवे सिया ? गोयमा !, जे इमे जीवा गामागरणयराणगमरायहाणिखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणांगरसंबाइसण्णिवेसेसु अकामतण्हाए अकामछुहाए अकामबंभचरेवासेणं अकामअण्हाणगसीयायवदंसमसगसेयजल्लमेलपंकपरिता- 5 वणं अप्पतरो वा भुज्जतरो वा कालं अप्पाणं परिकिलेसंति अप्पतरो वा भुज्जतरो वा [कालं अप्पाणं परिकिलेसित्ता ] कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेषु वाणमंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई तहिं तोस ठिई तहिं तेसिं उववाए पण्णत्ते । तेसि 10 णं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा, दसवाससहस्साई ठिई पप्णत्ता, आत्थ णं भंते ! तेसिं देवाणं इडी इ वा जुई इ वा जसे इ वा बले इ वा वीरिए इ वा पुरिसकारपरक्कमे इ वा ? हंता आत्थि। ते णं भंते ! देवा परलोगस्सआराहगा ? णो इणठे समठे ५॥ 15
SUTRA 70.
से में इमे गामागरणयरणिगमरायहाणिखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणागरसंबाइसण्णिवेसेसु मणुया भवंति, तं जहाअंडबद्धगा णिअलबद्धगा हडिबद्धगा चारगबद्धगा हत्थछिण्णगा पायछिण्णगा कण्णछिण्णगा नक्कछिण्णगा
१ A. ' पट्टणासम. २ A. मल्ल. ३ not in L. ४.. तेहिं. ५A, परिकमे. ६ L. सेज्जे. ७ B° छत्तागा.

Page Navigation
1 ... 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104