Book Title: Ovavaiya Suttam
Author(s): N G Suru
Publisher: N G Suru
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Sut. -72] औपपातिकसूत्रम्
SUTRA 71. से जे इमे गामागर जाव संनिवेसेसु मणुया भवंति तं जहा-पगइभद्दगा पगइउवसंता पगइपतणुकोहमाणमायालोहा मिउमद्दवसंपण्णा अल्लीणा [कचित् भद्दगा] विणीया अम्मापिउसुस्सूसगा अम्मापिईणं अणइकमाणिज्जवयणा अप्पिच्छा 5 अप्पारंभा अप्पपरिग्गहा अप्पेणं आरंभेणं अपेणं समारंभेणं अप्पेणं आरंभसमारंभेणं वित्तिं कप्पेमाणा बहूई वासाई आउयं पालेंति पालित्ता कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु वाणमंतरेसु तं चेव सव्वं णवरं ठिई चउद्दसवाससहस्साई।
10 ।
SUTRA 72.
से जाओ इमाओ गामागर जाव संनिवेसेसु इत्थियाओ भवंति, तं जहा-अंतोअंतेउरियाओ गयपइयाओ मयपइयाओ बालविहवाओ छड्डियल्लियाओ माइरक्खियाओ पियरक्खियाओ भायरक्खियाओ पइरक्खियाँओ कुलघररक्खियाओ ससुरकुलरक्खियाओ [क्वचित्-मित्तनाइ- 15 नियगसंबंधिरक्खियाओ] परूढण केसकक्खरोमाओ ववगयध्वपुप्फगंधमल्लालंकाराओ अण्हाणगसेयजल्लमलपंकपरितावियाओ ववगयखीरदहिणवणीयसप्पितेल्लगुललोणमहुमज्जमंसपरिचत्तकयाहाराओ अप्पिच्छाओ अप्पारंभाओ अप्पपरिग्गहाओ अप्पेणं आरंभेणं अप्पेणं समारंभेणं अपेणं 20
१.तणु. २ Noted in L.३ L. बहु वासाइं. ४ A. सहस्सा. ५ . से ज्जाओ. ६ L. पुरियाओ. ७ L. भाति ८ Not in A. ९ Noted in L. १० A °णहमंस-, notes also. केसमंसुरोमाओ.

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