Book Title: Ovavaiya Suttam
Author(s): N G Suru
Publisher: N G Suru

View full book text
Previous | Next

Page 57
________________ Sut 56- ] औपपातिकसूत्रम् भसारपुत्तस्स्स सुभदापमुहाणं देवीणं तीसे य महतिमहालियाए परिसाएं इसिपरिसाए मुणिपरिसाए जइपरिसाए देवपरिसाए अगसयाए अणेगसयवंदाए अणेगसयवंदपरिवारांए ओवले अइबले महब्बले अपरिमियबलवीरयतेयमाहपकांतिजुत्ते सौरयणवत्थणियम हुरगंभीर कोंचणि- 5 ग्घोस दुभिस्सरे उरे वित्थडाए कंठे वट्टियाए सिरे समाइण्णाए अगर लाए अमम्मणाए सुव्वतक्खर साण्णवाइयाए पुण्णरत्ताए सब्वभासाणुगामिणीए सरस्सईए जोयणणीहारिणा सरेणं अद्धमागहाए भासाए भासइ अरिहा धम्मं परिकहेइ । तेसिं सव्वेसिं आरियमणारियाणं अगिलाए धम्मं 10 आइक्खर, सावि य णं अद्धमागहा भासा तेसिं सव्वेसिं आरियमणारियाणं अप्पणी सभासाए परिणामेण परिणम | तं जहा - अत्थि लोए अस्थि अलोए एवं जीवा अजीवा बंधे मोक्खे पुणे पावे आसवे संवरे वेयणा णिज्जरा अरिहंता चकवट्टी बलदेवा वासुदेवा नरगा णेरइया 15 तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोणिणीओ माया पिया रिस - ओ देवा देवलोया सिद्धी सिद्धा परिणिव्वाणे परिणिव्या, अस्थि १ पाणाइवाए २ मुसावाए ३ अदिण्णादाणे ४ मेहुणे ५ परिग्गहे अत्थि ६ कोहे ७ माणे ८ माया ९ लोभे अस्थि जाव [ यावत्करणादिदं दृश्यम् - १० पेज्जे 20 ११ दोसे १२ कलहे १३ अब्भक्खाणे १४ पेसुण्णे १५ परपरिवाए १६ अरइरई १७ मायामोसे ] १८ मिच्छादंसणसल्ले । अस्थि पाणाइवायवेरमणे मुसावायवेरमणे अदिण्णादाण ५३ १ Not in L. २ L परियालाए. ३ L विरिय ४. सरय. ५ L. B. कुंच. ६ A क्वचित् - फुडविसयमहुरगंभीरगाहियाए सव्वक्खरसग्णिवाइयाए noted in I.. ७LB. अदत्ता.

Loading...

Page Navigation
1 ... 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104