Book Title: Ovavaiya Suttam
Author(s): N G Suru
Publisher: N G Suru

View full book text
Previous | Next

Page 19
________________ Sut. 23-1 औपपातिकसूत्रम् १५ तेणेव उवागच्छइ २त्ता अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिण्हित्ता [असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलावट्टगास पुरत्याभिमुहे पलियंकनिसने अरहा जिणे केवली समणगणपरिवुडे ' संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ ॥ SUTRA 23. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावी- 5 रस्स अंतेवासी बहवे समणा भगवंतो अप्पेगइया उग्गपव्वइया भोगपव्वइया राइण्णणायकोरव्वखत्तियपव्वइया भडा जोहा सेणावईपसत्थारो सेंही इब्भा अण्णे य बहवे एवमाइणो उत्तमजाइकुलरूवविणयविण्णाणवण्णलावण्णविक्कमपहाणसोभग्गकंतिजुत्ता बहुधणघण्णाणिचयपरियालफिडिया10 गरवइगुणाइरेगा इच्छियभोगा सुहसंपललिया किंपागफलोवमं च मुणियविसयसोक्खं जलबुब्बुयसमाणं कुसग्गजलबिन्दुचंचलं जीवियं य णाऊण अद्धवमिणं रयमिव पडग्गलग्गं संविधुणित्ताणं चइत्ता हिरण्णं जाव [ यावच्छब्दोपादानादिदं दृश्यम्-चिच्चा सुवणं चिच्चा धणं – एवं 15 धणं बलं वाहणं कोसं कोडागारं रज रडं पुरं अंतेउरं चिच्चा विउलधणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमाइयं संतसारसावतेज्जं विच्छड्डइत्ता विगोवइत्ता दाणं च दाइयाणं परिभायइत्ता मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं ] पैव्वइया, अप्पगइया अद्धमासपरि- 20 याया अप्पेगइया मासपरियाया-एवं दुमास तिमास जाव एक्कारस' अप्पेगइया वासपरियाया दुवास तिवास अप्पे णाऊणं. ६ चेच्चा. १ Noted in L. २ L सिठ्ठी. ३ B'परिवार- ४ B°चवलं. ५ ७८ रहं. ८ Noted in L.

Loading...

Page Navigation
1 ... 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104