Book Title: Ovavaiya Suttam
Author(s): N G Suru
Publisher: N G Suru

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Page 18
________________ औपपातिकसूत्रम् [ Sut. 22ताणं, नमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स आदिगरस्स तित्थगरस्स जाव संपाविउकामस्स मम धम्मायरियस्स धम्मोवदेसगस्स, वंदामि गं भगवंतं तत्य गयं ईहगए, पासउ मे भगवं तत्थगए इहगयंति कट्ट वंद5 इ णमंसइ वंदित्ता णमंसित्ता सीहासणवरगए पुरत्याभिमुहे निसीयइ निसीइत्ता तस्स पवित्तिवाउयस्स अट्टत्तरं सयसहस्सं पीइदाणं दलयइ, दलइत्ता सकारेइ सम्माणेइ सकारित्ता सम्माणित्ता एवं वयासी ॥ SOTRA 21. जयों णं देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे इह10 मागच्छेज्जा इह समोसरिज्जा इहेव चंपाए गयरीए बहिया पुण्णभद्दे चेइए अहापडिरूवं ओग्गहं ओगिव्हिा [अरहा जिणे केवली समणगणपरिखुडे ] संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरेजा तया णं [तुमं] मम एयमठं निवेदिज्जासित्ति कट्ठ विसज्जिए ।। SUTRA, 22 तए णं समणे भगवं महावीरे कल्लं पाउप्पभायाए 15 रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मिलियंमि अहॅपंडुरे पहाए रत्तासोगप्पगासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धरागसरिसे कमलागरसंडबोहए उहियम्मि सूरे सहस्सैरस्सिाम दिणयरे तेयसा जलंते [ आगासगएणं चक्केणं जाव सुहं सुहेणं विहरमाणे]" जेणेव चंपा गयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेइए [जेणेव घण20 संडे जेणेव असोगवरपायवे जेणेव पुढविसिलापट्टए " १B इहमागए. २ A पासइ. ३ . पवत्ति'. ४ B यदा णं.५ A उग्गहं. ६A उग्गिः ७ Noted in L. ८ Noted in L. ९ B°भातरयणीए. १० Read in L & B. A reads आहां.११Bसहस्सि- १२Noted in L.

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