Book Title: Ovavaiya Suttam
Author(s): N G Suru
Publisher: N G Suru

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Page 8
________________ औपपातिकसूत्रम् - [ Sut. 6धरा सुयबरहिणमयणसालकोइलकोभगभिंगारगकोंडलगजीवंजीवगणंदीमुहकविलपिंगलक्खगकारंडचक्कवायकलहंससारसअणेगसउणगणमिहुणविरइयंसद्दण्णइयमहुरसरणाइए सुरम्मे संपिडियदरियभमरमहुयरिपहकरपरिलिन्तमत्तछप्पयकुसुमासव5 लोलमहुरगुमगुमंतगुंजंतदेसभाए अभितरपुप्फफले बाहिर पत्तोच्छण्णे पत्तेहि य पुप्फेहि य ओच्छन्नवालच्छत्ते साउफले निरोयए अकंटए णाणाविहगुच्छगुम्ममंडवगरम्मसोहिए विचिंत्तसुहकेउभूए वावीपुक्खरिणीदीहियासु य सुनिवेसियरम्मजालहरए पिंडिमणीहारिमं सुगंधिं सुहसुराभिम10 णहरं च महया गंधद्धाणं मुयंता णाणाविहगुच्छगुम्ममंड वगघरगसुहसेउकेउबहुला अणेगरहजाणजुग्गसिवियपविमोयणा सुरम्मा पासादीया दरिसाणिज्जा अभिरुवा पडिरूवा॥ SUTRA 5. तस्स णं वणसंडस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एक्के असोगवरपायवे पण्णत्ते [ दुग्गयकंदमूलवट्टलहसंठियसिलिट्ठ15 घणमसिणनिद्धसुजायनिरुवहयुविद्धपवरखंधी अणेगनरपवरभु यागेज्झे कुसुमभरसमोणमंतपत्तलाविसालसाले महुयरिभमरगणगुमगुमाइयनिलितउड्डितसस्सिरीए णाणासउणगणमिहुणसुमहुरकण्णसुहपलत्तसहमहुरे] कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूले मूल मंते कंदमंते जाव परिमोयणे सुरम्मे पासादीए दरिसणिज्जे 20 आभिरुवे पडिरूवे ॥ ____SUTRA 6. से णं असोगवरपायवे अण्णेहिं बहुहिं तिलएहिं लउएहिं छत्तोवेहिं सिरीसेहिं सत्तवण्णेहिं दहिवण्णेहिं लोद्धेहिं धवेहिं चंदणेहिं १Aकोहंगक.२B°वियरित.३Aअब्मंतर ४Aउच्छण्णपाडेवलिच्छ.५Lnotesalso विचित्तसहसे उकेउबहुले. ६ A. B. हारिमसगांधि.७ B. दुणं. ८ B एगए. ९ Noted in L & com.

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