Book Title: Ovavaiya Suttam
Author(s): N G Suru
Publisher: N G Suru
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। औपपातिकसूत्रम् [ Sut. 16सिलप्पवालबिंबफलसण्णिभाहरोठे पंडुरससिसयलविमलाणम्मलसंखगोक्खीरफेणकुंददैगरयमुणालियाधवलदंतसेढी अ. खंडदंते अप्फुडियदंते अविरलदंते सुणिद्धदंते सुजायदंते
एगदंतसेढी विव अणेगदंते हुयवहणिद्धतधोयतत्ततवणिज्जर5 ततलतालुजीहे अवठियसुविभत्तचित्तमंसू मंसलसंठियपसत्थसइलविउलहणुए चउरंगुलसुप्पमाणकंबुवरसरिसग्गीवे वरमहिसंवराहसीहसबलज्सभनागवरपडिपुण्णविउलक्खंधे जुगसन्निभपीणरइयपीवरपउठसुसठियंसुसिलिडविसिघणथिरसुबद्धसांध
पुरवरफलिहवट्टियभुए भुयेंगीसरविउलंभोगआयाणपलिहउच्छू10 ढदीहबाहू रत्ततलोवइयमउयमंसलसजायलक्खणपसत्थअच्छि
इजालपाणी पीवरकोमलवरंगुली आयंबतंबतलिणसुइरुइलणिदणखे चंदपाणिलेहे संखपाणिलेहे चक्कपाणिलेहे दिसासोत्थियपाणिलेहे चंदसूरसंखचक्कदिसासोत्थियपाणिलेहे कणगसिलायलुज्जलपसत्यसमतलउवचियविच्छिण्णपिहुलवच्छे सिरि15 वच्छक्कियवच्छे अकरंडुयकणगरुययनिम्मलसुजायनिरुवह
यदेहधारी असहस्सपडिपुण्णवरपुरिसलक्खणधरे सण्णयपासे संगयपासे सुंदरपासे, सुजायपासे "मियमाइयपीणरइयपासे उज्जुयसमसहियजच्चतणुकसिणणिद्धआइज्जलडहरमणिज्जरो. मराई झसविहगसुजायपीणकुच्छी झसोयरे सुइकरणे पउम20 वियडणाभे, रागावत्तगपयाहिणावत्ततरंगभंगुररविकिरणतरुण
बोहियअकोसायतपउमगंभीरवियडणाभे साहयसोणंदमुसलदप्प
णणिकरियवरकणगच्छरुसरिसवरवइरवलियमझे पमुइयवर....3RAILE
१L गीवे. २ L पओठ.. ३L & A. read differently also as-संठियोवचियघणथिरसुबद्धसुणिगूढपव्वसंधी. ४ A भुअईसर B भुयईसर. ५ - पलिओछूढ Also फलिहउच्छृढ noted in L&B६ Bपीर'L&A note differently as- पीवरवट्टियसजायकोमल -. ७ Com & L_note -रविससिसंखवरचक्कसोत्थियविभत्तसुविरइयपाणिलेहे अणेगवरलक्खणुत्तिमपसत्थसइरइयपाणिलेहे. ८ L°आदिज्ज.
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