Book Title: Nay Rahasya
Author(s): Yashovijay Gani
Publisher: Andheri Gujarati Jain Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ विषयानुक्रम विषय पृष्ठ विषय १ प्रकाशकीयस्पन्दन २४ एक स्वभाव द्रव्यान्तरगत एक शक्ति २ प्रस्तावना से कार्यद्वय की अनुपपत्ति ७ विषयानुक्रम २५ जात्यन्तर मानने पर भी प्रत्येक दोष१ मंगलाचरण निवृत्ति के अनियम की शंका का उत्तर ३ अनुबंधचतुष्टय २६ प्रत्येक कार्याऽकारित्व और जात्यन्त४ अध्यवसायरूप नय का सामान्य लक्षण रत्व में अनियम की आशंका ५ आद्य विशेषण की सार्थकता २७ प्रत्येककार्याऽकारित्व का अनियम ६ द्वितीय ,, , " अनिष्टापादक नहीं है-उत्तर , विशेषपद की सार्थकता ,, भेदाभेदोभय का एकत्र सर्वथा असमा७ नय की सामानार्थक शब्दावली वेश अनुभवविरुद्ध ८ प्रापकत्व-साधकत्व का अर्थ विरुद्ध उभयधर्मों के एकत्र समावेश ९ निर्वर्तकत्व-निर्भासकत्व-उपलम्भकत्व का अनुभव भ्रान्त होने की शंका का उत्तर १० व्यञ्जकत्व का अर्थ ११ उपचार से नय की उपदेशरूपता २९ द्रव्य-पर्याय में वास्तवाभेदवादी मत का विस्तरण और निराकरण १२ दो विकल्प से नय में मिथ्यात्व की शंका ... ,, नय में मिथ्यात्व शंका का निराकरण ३० एकवचन-बहुवचन के प्रयोगभेद की उपपत्ति १३ नय में विप्रतिपत्तिरुपता की शंका । १४ विप्रतिपत्तिशंका का निराकरण (१-२) .. , वचन भेद विवक्षा में टिप्पण ३१ एक साथ एकवचन-बहुवचन की उ० " , , , (३) विवक्षाभेद से विवक्षितधर्म की नियत १७ विप्रतिपत्तित्वसाधक हेतु का निराकरण प्रतिपत्ति १८ एकत्वादि संख्यारूप न होने की आशंका ३३ आर्थन्याय का स्पष्टीकरण १९ भेदामेद पक्ष में दोषों की आशंका ,, अर्पितानर्पितसूत्र का तात्पर्य २० जात्यन्तरस्वीकार से शंका का निरसन ३४ द्रव्यार्थिक नय-पर्यायार्थिकनय २१ पित्तादिदोषनिवारण की अन्यथोपपत्ति , द्रव्यार्थिक नय का अभिप्राय की आशंका और निराकरण --- ३५ पर्यायार्थिक नय ,, ,, २२ माधुर्य या कटुता गुण के परित्याग से ३६ मात्रपद से दुर्नयत्वापत्ति की शंका दोषनिवृत्ति का असम्भव ३७ दुर्नयत्वापत्ति का प्रतिकार २३ गुड-शुण्ठीयोग द्रव्यांतर होने की शंका ३७ द्रव्यार्थिकनय के चार भेद -उस का निराकरण जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण का मत २४ द्रव्यान्तर में उभयदोषोपशम कारणता ३८ ऋजुसूत्र द्रव्यार्थिक नहीं-श्री सिद्ध की शंका-उस का समाधान सेनसरि ३२

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 254