________________
२६४
नवतत्त्वसंग्रहः
(१०४) परमाणु, संख्येय प्रदेश, असंख्येय प्रदेश, अनंत प्रदेशी से(सि)या चल, निरेया अचल अल्पबहुत्व. परिणाम | जीव | मूर्त | सप्रदेश | एक | अक्षेत्री | किरिया | नित्य | कारण कर्ता सर्वमत २ भेद | १ | १ | ५ | ३ | ४(५?)| २ | ४ | ५ | १ | जीव, | जीव १ | मूर्त्तवंत | धर्म, | धर्म, | धर्म, | जीव १, धर्म, | धर्म, | एक | आकाश पुद्गल | एक | पुद्गल १ | अधर्म, | | अधर्म, | अधर्म, | पुद्गल २, | अधर्म, | अधर्म, जीव | १ परि- | जीव १ आकाश, आकाश पुद्गल, | ए क्रिया
आ-| कर्ता णामी
जीव, | वंत
आकाश
काश, पुद्गल काल
ए४ काल,
नित्य ४ अपरि- | अजीव | अमूर्त | अप्र- | अनेक ३] क्षेत्री १ | अकि- | अनि
असर्वणाम | ५ | ५ | देशी १
रिया ४ | त्य २ | रण १] कर्ता| गत
काल,
जीव,
पुद्गल
अधर्म, जीव,
काल, जीव.
धर्म, | धर्म, | धर्म, | काल- | पुद्गल १,| एक | धर्म, | जीव १, | जीव | धर्म, | धर्म, अधर्म, | अधर्म, | अधर्म, द्रव्य काल २, आकाश- अधर्म, पुद्गल- एक | आकाश, |
जीव ३, द्रव्य आकाश, पर्याय २, काल ए, | पुद्गल
काल | विभाव- | कारण काल,
काल, ४ अपरि. काल,
अनेक
ए ४ | अपेक्षा | | पुद्गल पुद्गल "'परिणाम १ जीव २ मुत्ता ३, सपएसा ४ एग ५ खित्त ६ किरिया ७ य । निच्चं ८ कारण ९ कत्ता १०, सव्वगय ११ इयर हि यपएसा ॥१॥ दुन्नि २ य एगं १ एगं १, पंच ५ ति ३ पंच ५ ति ३ पंच ५ दुन्नि २ चउरो ४ य । पंच ५ य एगं १ एगं १, दस १० एय उत्तरगुणं २ च ४ ॥२॥ पण ५ पण ५ इग १ य तिन्नि ३ य, एग १ चउरो ४ दुन्नि २ एक १ पण ५ पणगं ५ । परिणामेयरभेया, बोद्धव्वा सुद्धबुद्धिहिं ॥३॥"
(१०५) भगवती (श. २५, उ. ४) युग्म
अधर्म आकाश | जीव पुद्गल काल द्रव्यार्थे _ १
४।३ २१ प्रदेशार्थे । ४ । ४ । ४ । ४ । प्रदेशावगाढ समयस्थिति
|
|occ
cococ |
occcc
occc
|०० |
१. परिणामजीवमूर्ताः सप्रदेशा एकक्षेत्रक्रियाश्च । नित्यं कारणं कर्ता, सर्वगत इतरे हि चाप्रदेशाः ॥१॥
द्वे च एकं एकं पञ्च त्रि पञ्च त्रि, पञ्च द्वे चत्वारि च । पञ्च च एकं एकं दश एते उत्तरगुणाश्च ॥२॥ पञ्च पञ्च एकं त्रीणि च एकं चत्वारि द्वे एकं पञ्च पञ्च च । परिणामेतरभेदा बोद्धव्याः शुद्धबुद्धिभिः ॥३॥