Book Title: Navtattva Sangraha
Author(s): Vijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
Publisher: Samyagyan Pracharak Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 523
________________ ४८८ नवतत्त्वसंग्रहः तीन समय निरंतर सीझे, ७३ से लेकर ८४ लगे चार समय निरंतर सीझे, ६१ से लेकर ७२ लगे ५ समय०, ४९ से लेकर ६० ताइ ६ समय०, ३३ से लेकर ४८ लगे ७ समय०, एक से लेकर ३२ लगे ८ समय ०. गणनद्वार पूर्ववत् जघन्य १२ । यावत् ३२. एवं सर्व जगे जान लेना. (१८३ ) क्षेत्रद्वार, अंतरद्वार लिख्यते. सांतर जंबूद्वीप धातकी षंडे १ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १७ १८ १९ २० २१ २२ २३ जंबूद्वीप तथा धातकी षंड विदेहे पुष्करद्वीपे १ तथा तिसके विदेहे कालद्वारे भरत, ऐरावतमे जन्म आश्री साहारण आश्री भरत, ऐरावते नरकगतिना आया उपदेशथी सीझे तिसका नरकगतिना आया हेतुये सीझे तिर्यंच गतिना आया उपदेशे अनंतरोक्त तिर्यंचना हेतुये सीझे तिसका तिर्यंच स्त्रीना १, मनुष्यना २, मनुष्यस्त्रीना ३, सौधर्म, ईशान वर्जके सर्व देवता आया उपदेशे अनंतरोक्त बोल हेतुये पृथ्वी १, अप् २, वनस्पति, गर्भज, पहिली, दूजी नरक, सौधर्म, ईशान देवका आया हेतुये सीझे वेदद्वारे पुरुषवेदे स्त्री, नपुंसक वेदे पुरुष मरी पुरुष हुइ शेष ८ भांगे तीर्थद्वारे तीर्थंकर तीर्थंकरी अतीर्थंकर नोतीर्थसिद्धाका प्रत्येकबुद्धी लिंगद्वारे अन्यलिंगे गृहलिंगे स्वलिंगे चारित्रद्वारे सामायिक १, सूक्ष्मसंपराय २ यथाख्यात ३ पृथक्त्व वर्ष पृथक्त्व वर्ष १ वर्ष झझेरा युगलकाल, १८ कोडाकोडि सागर संख्या हजार वर्ष १००० वर्ष संख्येय सहस्र वर्ष पृथक्त्व १०० वर्ष संख्येय सहस्र वर्ष १ वर्ष झझेरा सहस्र वर्ष संख्येय सहस्र वर्ष संख्ये सहस्र वर्ष १ वर्ष झझेरा १ वर्ष झझेरा संख्ये सहस्र वर्ष १ वर्ष झझेरा संख्ये सहस्र वर्ष पृथक् सहस्र वर्ष अनंत काल १ वर्ष झझेरा संख्येय सहस्र वर्ष संख्येय सहस्र वर्ष १ वर्ष झझेरा १ वर्ष झझेरा

Loading...

Page Navigation
1 ... 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546